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18-Mar-2025 07:09 PM
Bank Strike: देशभर में बैंक कर्मचारी 24-25 मार्च को हड़ताल पर रहेंगे। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है, जिससे बैंकों का कामकाज दो दिनों तक ठप्प रहने की संभावना है।
इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) के साथ बातचीत में कोई समाधान नहीं निकलने पर बैंक यूनियनों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। अब सवाल यह उठता है कि क्या इस हड़ताल का असर सार्वजनिक बैंकों जैसे SBI, BOB, PNB, और प्राइवेट बैंकों जैसे ICICI और HDFC पर भी पड़ेगा?
रिपोर्ट के अनुसार, इस हड़ताल का असर सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर ही नहीं, बल्कि प्राइवेट और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों पर भी पड़ेगा। हड़ताल के कारण बैंकों का कामकाज चार दिनों तक प्रभावित हो सकता है, क्योंकि 22 और 23 मार्च को शनिवार और रविवार की छुट्टी है।
UFBU एक सामूहिक संगठन है, जिसमें नौ प्रमुख बैंक यूनियनें शामिल हैं, जैसे कि ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIBEA), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफीडरेशन (AIBOC), नेशनल कंफीडरेशन ऑफ बैंक एम्प्लॉइज (NCBE), और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA)। यह संगठन सार्वजनिक, निजी, विदेशी, सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के 8 लाख से अधिक कर्मचारियों और अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करता है।
यूनियनों की प्रमुख मांगें:
कर्मचारी भर्ती: सभी कैडर में पर्याप्त भर्ती की जाए, क्योंकि बैंक कर्मचारियों की भारी कमी हो रही है, जिससे काम का बोझ और अक्षमता बढ़ रही है।
अस्थायी कर्मचारियों का नियमितीकरण: कई अस्थायी और कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स बिना स्थायी रोजगार लाभ के वर्षों से काम कर रहे हैं। इनका नियमितीकरण किया जाए।
वर्क शेड्यूल में बदलाव: बैंक कर्मचारियों की मांग है कि सरकारी कार्यालयों की तरह बैंकों का वर्क शेड्यूल भी सोमवार से शुक्रवार तक पांच दिनों का हो, ताकि वर्क-लाइफ बैलेंस बना रहे।
परफॉर्मेंस-बेस्ड अप्रेजल और इंसेंटिव स्कीम का विरोध: यह नीतियां कर्मचारियों के बीच भेदभाव करती हैं और उनकी नौकरी को खतरे में डाल सकती हैं।
कर्मचारी सुरक्षा: बैंक कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
रिक्त पदों की नियुक्ति: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में रिक्त कर्मचारी/अधिकारी निदेशक के पदों को भरा जाए।
ग्रैच्युटी अधिनियम में संशोधन: ग्रैच्युटी की अधिकतम सीमा को 25 लाख रुपये तक बढ़ाने की मांग की गई है।
यूनियन की मांगों के समाधान नहीं होने पर हड़ताल की संभावना को लेकर कर्मचारियों में गहरी नाराजगी है।