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15-Feb-2025 09:08 AM
By First Bihar
बिहार में औद्योगिकीकरण को नई गति देने और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में वैशाली, सीतामढ़ी और मधुबनी जिलों में औद्योगिक भूमि अधिग्रहण के लिए अब तक 17 अरब रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की जा चुकी है। इससे इन जिलों में बड़े उद्योगों की स्थापना का रास्ता साफ होगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
बिहार में पिछले कुछ वर्षों में औद्योगिक गतिविधियों ने जोर पकड़ा है। राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति और निवेशकों को दी जा रही रियायतों के कारण उद्योगपतियों का झुकाव बिहार की ओर बढ़ा है। यही वजह है कि पिछले एक साल में निवेशकों को 1600 एकड़ जमीन आवंटित की गई है।
राज्य में अब तक कुल 84 औद्योगिक क्षेत्रों में 7592.39 एकड़ जमीन औद्योगिक उपयोग के लिए आरक्षित थी, लेकिन लगातार बढ़ते निवेश के कारण 6185 एकड़ जमीन पहले ही आवंटित की जा चुकी है। अब सरकार के पास सिर्फ 1407 एकड़ औद्योगिक जमीन बची है। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान नये औद्योगिक भूखंडों को चिह्नित किया गया, ताकि भविष्य में औद्योगिक इकाइयों को जमीन की कमी का सामना न करना पड़े।
सरकार द्वारा स्वीकृत 17 अरब रुपये से वैशाली, सीतामढ़ी और मधुबनी जिलों में औद्योगिक भूमि बैंक का विस्तार किया जाएगा। इसके तहत मधुबनी में 712 एकड़ औद्योगिक भूमि चिह्नित की गयी है, जिसके अधिग्रहण के लिए 2.36 अरब रुपये की मंजूरी दी गयी है। सीतामढ़ी में 504.52 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए 2.98 अरब रुपये का बजट तय किया गया है। वैशाली में 1243.45 एकड़ औद्योगिक भूमि अधिग्रहण के लिए 10 अरब रुपये की मंजूरी दी गयी है। इन जिलों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जायेगी, जिससे नये उद्योगों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान राज्य सरकार ने कई बड़े औद्योगिक भूखंडों को चिह्नित किया। हाल ही में रोहतास में 73 एकड़ और अरवल में 170 एकड़ जमीन औद्योगिक उपयोग के लिए चिन्हित की गई है, जिसका जल्द ही अधिग्रहण किया जाएगा। इसके अलावा अन्य जिलों में भी औद्योगिक भूमि चिन्हित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इससे राज्य में उद्योगों को और बढ़ावा मिलेगा और निवेश की संभावनाएं मजबूत होंगी।
राज्य सरकार औद्योगिक विस्तार की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 9000 एकड़ के नए लैंड बैंक की योजना पर काम कर रही है। इससे औद्योगीकरण में तेजी आएगी और निवेशकों को बिहार में बेहतर अवसर मिलेंगे। इसके अलावा सरकार छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने की नीति पर भी काम कर रही है, ताकि ग्रामीण इलाकों में भी रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकें।
बिहार सरकार की यह पहल राज्य में निवेश को आकर्षित करने और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बेहतर औद्योगिक नीति और बेहतर बुनियादी ढांचे की वजह से बिहार निवेशकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन रहा है।