ISM पटना में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 'सस्टेनोवेट 2025' का भव्य शुभारंभ, देश-विदेश से जुटे शोधकर्ता दृष्टिपुंज आई हॉस्पिटल में कंटूरा विज़न लेसिक की बड़ी उपलब्धि: 300 सफल ऑपरेशन पूरे Bihar Crime News: अदालत में सबूत पेश नहीं कर सकी बिहार पुलिस, कोर्ट ने SHO समेत 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जारी कर दिया अरेस्ट वारंट Bihar Crime News: अदालत में सबूत पेश नहीं कर सकी बिहार पुलिस, कोर्ट ने SHO समेत 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जारी कर दिया अरेस्ट वारंट अरवल में करंट लगने से युवक की मौत, जर्जर तार बना हादसे की वजह, बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप Bihar Politics: बाल-बाल बचे सांसद पप्पू यादव, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के दौरान हुआ हादसा Bihar Politics: ‘लालू परिवार बिहार की बर्बादी का जिम्मेदार’ युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह का तेजस्वी पर बड़ा हमला Bihar Politics: ‘लालू परिवार बिहार की बर्बादी का जिम्मेदार’ युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह का तेजस्वी पर बड़ा हमला Bihar News: बिहार में यहां एक ही घर से निकले 60 किंग कोबरा, परिवार ने त्यागा मकान; गाँव वालों ने बदला रास्ता BIHAR NEWS:चोरी के शक में युवक की बेरहमी से पिटाई, भीड़ ने चप्पल पर चटवाया थूक
08-Jan-2025 11:39 AM
By Viveka Nand
Bihar Land Survey: बिहार में जमीन की दाखिल खारिज के नाम पर बड़ा खेल हो रहा. सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी यह धंधा रूकने का नाम नहीं ले रहा. रूके भी कैसे...पूरा सिस्टम ही इस खेल में लगा है. भू माफियाओं से मिलकर अंचल अधिकारी सरकारी भूमि की दाखिल-खारिज कर दे रहे हैं. एक ऐसे ही मामले का खुलासा हुआ है. पोल खुलने के बाद सीओ ने अपने कर्मचारी से दाखिल खारिज रद्द कराने को लेकर डीसीएलआर कोर्ट में आवेदन दायर किया है. इधर खेल में शामिल अंचल अधिकारी का 7 जनवरी को ही स्थानांतरण हो गया है. बड़ा सवाल यही है कि क्या डीसीएलआर कोर्ट में आवेदन दाखिल करने से अंचल अधिकारी स्तर से जो खेल किया है वो माफ हो जाएगा ?
मोतिहारी के कई अंचलों में नियमों को ताक पर रखकर सरकारी जमीन का बंदरबाट किया जा रहा है. दाखिल खारिज में खेल किया जा रहा है. ताजा मामला मोतिहारी जिले के हरसिद्धि अंचल से जुड़ा है जहां महिला सीओ ने करोड़ो की सरकारी जमीन का दाखिल खारिज कर दिया.जब इसकी भनक क्षेत्र के लोगो मे लगी तो आनन फानन में हल्का कर्मचारी द्वारा दाखिल-खारिज रद्द करने के लिए अरेराज डीसीएलआर कोर्ट में परिवाद दायर किया गया है .हरसिद्धि अंचल की कारनामे की चर्चा जोरों पर है. चर्चा है कि महिला सीओ ने एक सफेदपोश के फेवर में काम करते हुए करोड़ो के सरकारी जमीन से बिना अतिक्रमण हटाये ही पूर्व से चल रहे अतिक्रमणवाद को खत्म कर दिया. स्थानीय लोगों की मानें तो हरसिद्धि अंचल के कार्यो की अगर सूक्ष्म तरीके से जांच की जाय तो भारी भ्रष्टाचार का खुलासा हो सकता है. कर्मचारी के डीसीएलआर के कोर्ट में परिवाद दायर के बाद महिला सीओ समेत दोनो हल्का कर्मचारी पर कार्रवाई की तलवार लटकती नजर आ रही है।
हरसिद्धि सीओ द्वारा सरकारी जमीन को दाखिल खारिज करने की जब पोल खुली,इसके बाद अंचल कार्यालय में हड़कंप मच गया।अपने ही बुने जाल में फंसते देख हल्का कर्मचारी शशिकांत सूरज और अमरेन्द्र कुमार द्विवेदी ने सरकारी जमीन की दाखिल खारिज रद्द करने के लिए डीसीएलआर कोर्ट में परिवाद दायर किया है। परिवाद दायर के बाद हरसिद्धि अंचल कार्यालय के कार्यप्रणाली की चर्चा तेज हो गयी है। ग्रामीणों ने राजस्व मंत्री से हरसिद्धि अंचल की जांच कराकर करोड़ो की सरकारी जमीन के फर्जीवाड़ा का खुलासा कर दोषी अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की है. बता दें, हरसिद्धि अंचल में करोड़ो की सरकारी जमीन के फर्जीवाड़े की पोल खोलने को लेकर चर्चित आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या भी हो चुकी है.