Bihar News: चुनाव से पहले बड़ी सौगात: यह बाइपास हुआ शुरु; अब आरा-पटना और नेपाल जाना हुआ आसान Bihar Weather: बिहार में इस बार सर्दी तोड़ेगी कई वर्षों का रिकॉर्ड, मौसम विभाग ने लोगों को किया सावधान Bihar Election 2025: पहले चरण के लिए इतने जिलों में ईवीएम-वीवीपैट का रैंडमाइजेशन पूरा, दूसरे चरण की तारीख तय, जानें पूरी डिटेल 'क्या झूठ बोलकर बॉस से छुट्टी लेना पाप है?' इस सवाल का प्रेमानंद महाराज ने दिया बड़ा ही रोचक जवाब BHOJPUR: वर्मा फाउंडेशन ग्रुप ने रचा इतिहास, 124 छात्रों का सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) पद पर चयन राघोपुर की जनता से प्रशांत किशोर ने कह दी बड़ी बात, बोले..हम यहां से चुनाव लड़ें या न लड़ें, कल से आपके जीवन में बदलाव आना शुरू हो जाएगा Crime News: एक ही परिवार के पांच लोगों ने की खुदकुशी, दो बेटों-दो बेटियों के साथ महिला ने दी जान Crime News: एक ही परिवार के पांच लोगों ने की खुदकुशी, दो बेटों-दो बेटियों के साथ महिला ने दी जान Bihar Crime News: महिला कर्मचारियों से बदसलूकी पर बेतिया में बड़ा एक्शन, डाटा एंट्री ऑपरेटर गिरफ्तार; संविदा भी समाप्त हुई Bihar Crime News: महिला कर्मचारियों से बदसलूकी पर बेतिया में बड़ा एक्शन, डाटा एंट्री ऑपरेटर गिरफ्तार; संविदा भी समाप्त हुई
20-Jun-2025 09:02 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले से एक ऐसी सच्ची और भावनात्मक घटना सामने आई है, जिसने इंसानी रिश्तों में अब भी मौजूद सच्चे प्रेम और समर्पण की भावना को जीवंत कर दिया है। चिरैया थाना क्षेत्र अंतर्गत मीरपुर पंचायत के वार्ड नंबर 5 में रहने वाले एक बुजुर्ग दंपती ने ‘सात जन्मों का साथ’ निभाने की परंपरा को अपने अंतिम सांस तक निभाया।
70 वर्षीय जमदार महतो और उनकी 60 वर्षीय पत्नी राजपति देवी ने अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा एक-दूसरे के साथ बिताया। इस अद्भुत घटना की शुरुआत 18 जून की तड़के सुबह लगभग चार बजे हुई, जब अचानक परिवार के लोग नींद से जाग उठे। इकलौते पुत्र नवल किशोर महतो ने बताया कि उन्होंने देखा कि उनके पिता को लगातार हिचकियां आ रही थीं। जैसे ही उन्होंने पिता का सिर अपनी गोद में रखा, उनकी सांसें थम गईं।
मां राजपति देवी वहीं पास खड़ी थीं। बेटे ने मां को तत्काल यह दुखद समाचार नहीं बताया, लेकिन उन्होंने स्वाभाविक रूप से पति की मृत्यु का आभास कर लिया। वह यह भावनात्मक आघात सह नहीं सकीं और लगभग पांच मिनट के भीतर उन्होंने भी प्राण त्याग दिए। इस हृदयविदारक घटना से मीरपुर गांव में शोक की लहर दौड़ गई। लोगों की आंखें नम थीं, जब पुत्र नवल किशोर ने अपने माता-पिता का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर किया। सैकड़ों ग्रामीण इस अंतिम यात्रा में शामिल हुए और इस अद्वितीय प्रेम व समर्पण को श्रद्धांजलि दी।
मीरपुर पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि चितरंजन कुमार ने कहा कि जहां आजकल रिश्तों में स्वार्थ और असंवेदनशीलता दिखती है, वहीं जमदार महतो और राजपति देवी ने अपने प्रेम और विश्वास से समाज के सामने एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह कहानी पीढ़ियों तक याद रखी जाएगी। इस घटना के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि इस दंपती की प्रेम गाथा को स्थायी रूप से स्थानीय स्कूल या सार्वजनिक स्थल पर पट्टिका के रूप में अंकित किया जाए, ताकि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सके।
स्थानीय समाजसेवी और पूर्व शिक्षक दिनेश ठाकुर ने कहा, “यह घटना हमें यह सिखाती है कि सच्चा रिश्ता उम्र, समय या परिस्थिति का मोहताज नहीं होता यह आत्मा का संबंध होता है।” जहां आजकल रिश्तों में दरार, कलह और अलगाव की खबरें आम हो चली हैं, वहीं पूर्वी चंपारण का यह सच्चा किस्सा इस बात की मिसाल है कि सच्चा प्रेम आज भी जीवित है बस उसे महसूस करने की जरूरत है।