मुजफ्फरपुर रेल पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 2025 में अपराध पर प्रहार, 1100 से अधिक आरोपी भेजे गए जेल पटना में 2025 में आधा हो गया क्राइम, पुलिस ने आंकड़े जारी कर किया दावा, 2024 में हुई घटनाओं की तुलना में इस साल बेहद कम वाकये हुए पूर्णिया में बिजली स्मार्ट मीटर रिचार्ज करने के नाम पर ठगी: भाजपा नेता के दो अकाउंट से उड़ाये 85 हजार रुपये Bihar Cabinet: 'मंगल पांडेय' के पास पटना से लेकर दिल्ली तक फ्लैट, सिर्फ 1 अकाउंट में एक करोड़ से अधिक जमा, भंडार में किलो के भाव से सोना-चांदी हिजाब विवाद: डॉ. नुसरत प्रवीण ने आज भी नहीं की नौकरी ज्वाइन, लास्ट डेट खत्म Bihar Cabinet: सम्राट चौधरी के पास कितनी है संपत्ति..साल के अंतिम दिन खुद बताया, रायफल-पिस्टल और भी बहुत कुछ.... Bihar Cabinet: साल के अंतिम दिन CM नीतीश ने घोषित की अपनी संपत्ति, नकद और बैंक में कितना रू है,जानें.... Bihar Police: मोतिहारी नगर निगम का वार्ड पार्षद पति फरार..SP ने 10 हजार रू का इनाम घोषित किया Bihar Transport News: बिहार में गाड़ियों की 'मैन्युअली फिटनेस जांच' पर रोक...कल से लागू होगी नई व्यवस्था, परिवहन मंत्रालय ने भेजा गाईडलाइन 1 करोड़ लोगों को सरकारी नौकरी और रोजगार देगी सरकार, बोले सम्राट चौधरी..बिहार के युवा मजदूरी करने नहीं, सम्मानजनक रोजगार पाने जाएं बाहर
22-Jul-2025 01:58 PM
By FIRST BIHAR
Bihar Teacher News: यूं तो बिहार के शिक्षक अपनी कारस्तानियों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहते हैं लेकिन एक ऐसा शिक्षक भी देखने को मिला, जिसके तबादले पर न सिर्फ स्कूली बच्चे फूट-फूटकर रो पड़े बल्कि पूरे गांव के लोगों की आंखें नम हो गई। विदाई के दौरान शिक्षक भी खुद को नहीं रोक सके और वह भी बच्चों को साथ रोने लगे।
दरअसल, बिहार के मोतिहारी जिले के सुगौली नगर स्थित पवरिया टोला गांव के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में उस वक्त भावुक माहौल देखने को मिला, जब स्कूल में सात वर्षों तक सेवा देने वाले प्रधानाध्यापक मधुरेंद्र कुमार के लिए विदाई समारोह आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान छात्रों की आंखें नम थीं और माहौल भावुकता से भर गया। कई छात्र तो अपने प्रिय शिक्षक की विदाई पर रो पड़े, वहीं कई अभिभावकों की भी आंखें भर आईं। मधुरेंद्र कुमार ने न केवल बच्चों को शिक्षा दी, बल्कि उन्हें बेहतर नागरिक और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयार किया।
बता दें कि एक शिक्षक और छात्र का रिश्ता केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं होता, वह जीवन संवारने वाला रिश्ता होता है। ऐसे में जब कोई शिक्षक स्कूल छोड़ता है, तो उसका असर बच्चों और अभिभावकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ जाता है। यही दृश्य पवरिया टोला के इस स्कूल में भी देखने को मिला।
रिपोर्ट- सोहराब आलम, मोतिहारी