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DEO साहब..! ऐसे खत्म होगा भ्रष्टाचार...संग्रामपुर में 30-35 स्कूलों के नाम पर 1.5 करोड़ की निकासी हुई और जांच सिर्फ 4 का ? तुरकौलिया ब्लॉक के 25 विद्यालयों के नाम पर भी हुई है 1 Cr की निकासी

मोतिहारी के संग्रामपुर ही नहीं तुरकौलिया प्रखंड में भी सरकारी स्कूलों की मरम्मति के नाम पर करोड़ों रुपये का खेल हुआ है। कागज पर काम दिखाकर राशि की निकासी कर ली गई, जबकि जमीन पर कुछ नहीं हुआ। ऐसा लग रहा जैसे डीईओ कार्यालय मामले को दबाने में जुटा है।

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06-Sep-2025 11:33 AM

By Viveka Nand

Bihar News: मोतिहारी में सरकारी स्कूलों की मरम्मति के नाम पर करोड़ों का घोटाला हुआ है. चवन्नी का काम नहीं हुआ और सरकारी खजाने से बड़ी राशि की निकासी हो गई। खुलासे के बाद अब पचाने का ऑपरेशन जारी है. खेल में शामिल लोगों को बचाने में जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के अधिकांश अधिकारी से जुटे हैं. तभी तो संग्रामपुर प्रखंड के 30-35 सरकारी स्कूलों की मरम्मति में 1.5 करोड़ का घोटाला हुआ, पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सिर्फ 4 स्कूलों की जांच के आदेश दिए हैं. इतना ही नहीं, मामले को दबाने के लिए जांच टीम को भी शांत रहने को कहा गया है. यह तो मोतिहारी के संग्रामपुर प्रखंड में हुए घोटाले की बात हुई, जिले के तुरकौलिया प्रखंड के सरकारी स्कूलो में भी मरम्मति के नाम पर बड़ा खेल हुआ है. जानकार बताते हैं कि तुरकौलिया प्रखंड में 25-30 ऐसे विद्यालय हैं, जहां कागज पर मरम्मति का कार्य कर लगभग एक करोड़ से अधिक की राशि निकासी कर ली गई है. संग्रामपुर के बाद अब तुरकौलिया प्रखंड के सरकारी विद्यालयों के नाम पर हुई करोड़ रू निकासी से पर्दा उठने वाला है. 

जांच के नाम पर आंख में धूल झोक रहा डीईओ कार्यालय 

मोतिहारी जिला शिक्षा कार्यालय घपले को दबाने में जुटा है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने संग्रामपुर प्रखंड के सिर्फ 4 स्कूलों की जांच के आदेश दिए हैं, जबकि 35 स्कूलों में मरम्मति के नाम पर 1.5 करोड़ रू से अधिक का वारा-न्यारा किया गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी मोतिहारी ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मा.शिक्षा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई है. जांच के आदेश तो दिए गए, पर सिर्फ चार स्कूलों में. जबकि अन्य 30 विद्यालयों को छोड़ दिया गया. मकसद है जांच की खानापूर्ति कर दोषियों को बचा लिया जाय. हद तो तब हो गई जब...एक हफ्ता होने के बाद भी जांच टीम आज तक उन चार स्कूलों में भी नहीं गई है. इधर, खुलासे के बाद उन सभी स्कूलों में मरम्मति की खानापूर्ति जोरों पर है. ताकि काम दिखाकर खुद को पाक साफ घोषित करा लिया जाय. 

तुरकौलिया प्रखंड में भी लगभग 1 करोड़ की सरकारी राशि का डाका   

वैसे मोतिहारी जिले के सरकारी विद्यालयों में कागज पर मरम्मति दिखाकर राशि निकासी का खेल सिर्फ संग्रामपुर प्रखंड में ही नहीं हुआ है, बल्कि सदर अनुमंडल के तुरकौलिया प्रखंड में भी हुआ है. इस प्रखंड के करीब 25-30 ऐसे विद्यालय हैं जहां कागज पर काम कराकर प्रति विद्यालय लगभग 5 लाख की निकासी हो गई है. इसका भी जल्द ही खुलासा होगा. उन स्कूलों के नाम सार्वजनिक किए जाएँगे, जहां पैसे की निकासी तो हो गई पर चवन्नी का काम नहीं हुआ. 

हालांकि जिला शिक्षा पदाधिकारी मोतिहारी भले ही जांच के नाम पर आंख में धूल झोंकने की कोशिश में जुटे हैं, पर अरेराज के अनुमंडल पदाधिकारी ने संग्रामपुर प्रखंड के वैसे सभी विद्यालय जहां बिना काम कराये राशि निकासी की बात है, जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की है.मोतिहारी के अरेराज अनुमंडल के अनुमंडल पदाधिकारी ने बड़ा एक्शन लिया है. खुलासे के बाद एसडीओ ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है. टीम को पांच बिंदुओं पर जांच कर सात दिनों में रिपोर्ट देने को कहा गया है. अरेराज, एसडीओ ने अपने आदेश में कहा है कि विभिन्न समाचार माध्यमों से सूचना मिली है कि संग्रामपुर प्रखंड के कई विद्यालयों में मरम्मति कार्य के नाम पर ठेकेदारों का भुगतान किया गया है, जबकि धरातल पर कोई कार्य नहीं हुआ है. संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापकों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि विद्यालय परिसर में टाइल्स, मरम्मत, प्लास्टर-पेंट कार्य नहीं हुए हैं. इसके बाद भी मापी पुस्तिका तैयार कर भुगतान कर दिया गया है. यह स्थिति गंभीर अनियमितता का संकेत देती है .

 जांच टीम सात दिनों में पांच बिंदुओं पर जांच कर रिपोर्ट दें

अरेराज एसडीओ ने आदेश में कहा है कि निष्पक्ष एवं पारदर्शी जांच के लिए जांच टीम का गठन किया जाता है. जिसमें संग्रामपुर प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी अध्यक्ष होंगे .जबकि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कनीय अभियंता और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी संग्रामपुर सदस्य होंगे. जांच टीम को पांच बिंदुओं पर निरीक्षण का निर्देश दिया गया है. जिसमें वैसे सभी विद्यालयों जहां बिना काम के भुगतान की खबर है,का भौतिक निरीक्षण करना, निरीक्षण के दौरान विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं प्रबंधन समिति के सदस्यों से लिखित बयान लेना, विद्यालय की वास्तविक स्थिति का फोटोग्राफ प्रमाण संलग्न करना , आंशिक कार्य पाए जाने की दशा में इसका स्पष्ट विवरण देना, यदि किसी विद्यालय में बिना कार्य किया भुगतान की पुष्टि होती है तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी की जिम्मेदारी तय कर अनुशंसा देना है. जांच टीम को 7 दिनों में रिपोर्ट देने को कहा गया है.

अभी तक की जानकारी के अनुसार, पूर्वी चंपारण जिले के संग्रामपुर प्रखंड के 30 से अधिक सरकारी विद्यालयों में स्कूल मरम्मति के नाम पर लगभग 1.5 करोड़ रू की निकासी की गई है, जबकि चवन्नी का काम नहीं हुआ है। 1ST BIHAR /JHARKHAND ने जब मामले का खुलासा किया तो आनन-फानन में 4-5 स्कूलों में रात के अंधेरे में सामान गिराकर मरम्मत करने की नौटंकी की जा रही है. जबकि बिना काम कराये जेई-एई और डीपीओ ने बिल पास कर दिया और राशि की निकासी भी हो गई। इस पूरे खेल में सर्व शिक्षा अभियान व स्थापना के डीपीओ से लेकर जेई-एई शामिल हैं.


संग्रामपुर प्रखंड के इन तीन दर्जन विद्यालयों में बिना काम बना बिल...कागज पर ही हो गया काम


संग्रामपुर प्रखंड के इन विद्यालयों में कथित मरम्मति के नाम पर भुगतान के लिए भेजी गई सूची इस प्रकार है. यूएमएस मतवा राम- 4.85 लाख रू, इसके अलावे यूएमएस इन्द्रगाछी 4.85 लाख रू. जीपीएस दुसाध टोली 4 लाख 89 हजार 614 रू. मध्य विद्यालय बरियरिया-8.89 लाख.यूएमएस राजपुर 4,89,614 रू, जीएमएस मंगलापुर 4,89,614 रू. एनपीएस नोनिया टोला 4,89,614 रू. एनपीएस मठिया नलकूप 4,89,614 रू, जीएमएस संबलपुर 4,89,614 रू. जीपीएस उर्दू कन्या 4,89,614, जीपीएस डुमरिया-4.89 लाख रू.जीपीएस सिकंदरपुर 4,89,614, एनपीएस पकड़ी कल्याणी 4,89,614,एनपीएस नरुलहा डीह 4,89,614,यूएमएस राजपुर टोला 4,89,614,जीपीएस चर पीपरा 4,87000, यूएमएस छपरा मतवाराम-4,89,614 रू.


प्रत्येक स्कूल में लगभग 5 लाख का बिल कागज पर ही बना 


वहीं, जीपीएस मलाही टोला 4,89,614, एनपीएस-पुछरिया मलाही टोला- 4.84 लाख रू. जीपीमएस मुरला- 4,89,614,एनपीएस कोइरिया टोला 4,89,614,जीपीएस चांदपुर- 4.89 लाख रू, भवानीपुर कन्या 4,89,614,एनपीएस वृता मठिया 4,89,614,जीएमएस ठिकहा 4,89,614,एनपीएस सिकंदरपुर 4,89,614,जीपीएस बक्सा 4,89,614,यूएमएस भाटकन्काया-4,89,614,जीपीएस नंदपुर 4,88000,एनपीएस जलहां 4,88000, एनपीएस बाडीडीह 4,89614यूएमएस नौतन 4,89614,जीएमएस कुकुट राय मठिया 4,89614,जीएमएस सबलपुर 4,89614,जीपीएस पछभीड़वा- 4,89614,जीपीएस जलहा मठिया-4,89614,यूएमएस मिश्रग्राम 4,89614,यूएमएस इन्द्रगाछी-4,89614 का बिल भुगतान के लिए भेजा गया .


करोड़ों की निकासी में ठेकेदार-इंजीनियर और अधिकारी हैं शामिल


पूर्वी चंपारण के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(स्थापना) ने 260 स्कूलों की एक लिस्ट तैयार की. यह लिस्ट जिला शिक्षा पदाधिकारी के पत्र के आलोक में तैयार कर BSEIDC के उप प्रबंधक तकनीकी पूर्वी चंपारण को भेजी गई। लिस्ट में राशि भुगतान को लेकर विद्यालय की सूची संलग्न की गई थी. जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने 12 अप्रैल 2025 को उप प्रबंधक तकनीकी बीएसईडीसी को पत्र लिखा था. जिसमें कहा था कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 10 अप्रैल 2025 को असैनिक योजनाओं से संबंधित सूची उपलब्ध कराने का कहा था. इस आलोक में वित्तीय वर्ष 2024- 25 के वैसे सभी असैनिक योजना का भुगतान किया जाना है. इस संबंध में क्रमांक 1 से 260 तक एजेंसी वार सूची संलग्न कर भेजी जा रही है. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने वैसे सरकारी स्कूल जहां मरम्मति के काम हुए थे, से संबंधित विपत्र जिनका भुगतान 25 मार्च 2025 के बाद नहीं हो सका था, उसकी सूची भेजी थी. जिन 260 स्कूलों की सूची जहां काम के बदले भुगतान करना था, उनमें अधिकांश केसरिया, तुरकौलिया, बंजरिया, अरेराज, कल्याणपुर, प्रखंड़ों के थे. कुल 11 करोड़ 41 लाख 32 हजार 321 रू का विपत्र भेजा गया था. अब यह बात सामने आई है कि सरकारी स्कूलों में मरम्मति के नाम पर चवन्नी का भी काम नहीं हुआ और करोड़ों का भुगतान हो गया. 

हेडमास्टरों ने खोली भ्रष्टाचार की पोल

मोतिहारी के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(स्थापना) ने 12 अप्रैल को 260 स्कूलों में काम किए एजेंसी को भुगतान की लिस्ट BSEIDC के उप प्रबंधक तकनीकी पूर्वी चंपारण को भेजी. प्रति विद्यालय में 5 लाख से कम का बिल स्वीकार कर भेजा गया. यह काम जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(स्थापना) ने किया. इसके लिए 11 करोड़ 41 लाख 32 हजार रू का भुगतान करना था.  जिला शिक्षा कार्यालय मोतिहारी के अधिकारियों के भ्रष्टाचार की पोल उन विद्यालय के प्रधानाध्यापकों ने ही खोली. जब उनसे पूछा गया कि, आपके यहां स्कूल की मरम्मति हुई है...ठेकेदार ने काम किया है ?यह सवाल सुनकर हेडमास्टर भौंचक रह गए।

संग्रामपुर प्रखंड के लगभग 3 दर्जन विद्यालयों में ##### हार्डवेयर नाम की एजेंसी ने कागज पर काम किया. प्रति विद्यालय 5 लाख से कम का बिल लगाया गया. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(स्थापना) ने बिल स्वीकार कर भुगतान के लिए भेजा. काम के बदले बिल का भुगतान करना गुनाह नहीं. गुनाह तब है जब काम कागज पर ही हो जाय, जिस संस्थान में काम हुआ, उसके प्रधान को पता ही नहीं. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है. मोतिहारी के सरकारी स्कूलों में ऐसा ही हुआ है. काम कागज पर हुआ और राशि सरकारी खजाने से निकाली जा रही . पूरी पोल-पट्टी सरकारी स्कूल प्रधानाध्यापक ही खोल रहे हैं. जिस विद्यालय में काम दिखाया जा रहा है, वहां किसी तरह का सिविल वर्क हुआ ही नहीं. G.M.S. के प्रधानाध्यापक रमेश तिवारी से पूछा गया कि आपके स्कूल में लगभग 4 लाथ 90 हजार राशि से मरम्मति का काम हुआ है ? इस पर उन्होंने आश्चर्य जताया और कहा कि किसी तरह का कोई काम नहीं हुआ है. उत्क्रमित मध्य विद्यालय राजपुर के प्रधान शिक्षक और राजपुर टोला के प्रधानाध्यापक संजय कुमार ने भी यही बातें कहीं. जीपीएस सिकंदरपुर खैराचक के प्रधानाध्यापक बलराम प्रसाद ने कहा कि उन्हें किसी तरह के काम होने की जानकारी भी नहीं है. 

स्कूल के हेडमास्टर ही सरकारी खजाने में हुई लुट की खोल रहे पोल 


खबर के बाद पूर्वी चंपारण जिले के कई विद्यालयों में रातो रात सामान गिर गया है. संवेदक पत्थऱ और बालू गिराकर काम कराने की खानापूर्ति कर रहा है. हेडमास्टर सुबह स्कूल आ रहे तो पता चल रहा कि उनके यहां भी सामान गिरा है, पूछने पर पता चल रहा कि आपके विद्यालय की मरम्मति करानी है. जबकि, उन स्कूलों में मरम्मति के नाम पर काफी पहले ही पैसे की निकासी हो गई है. पूर्वी चंपारण जिले के संग्रामपुर प्रखंड के U M S इन्द्रगाछी के एचएम ने बताया कि खबर चलने के बाद समान गिराया गया है. U M S मुरली  संग्रामपुर के एचएम  ने बताया कि स्कूल में कोई काम नही किया गया है. G P S नंदपुर संग्रामपुर के एचएम पारस ठाकुर ने बताया कि पहले कुछ पता नही था, कल समान गिराया गया है। G P S पचभिरवा के एचएम में बताया कि स्कूल में कोई काम नही हुआ है. UMS मतवाराम और बथानी टोला,  भवानीपुर संग्रामपुर में भी बुधवार को सामान गिराया गया है. खेल का मास्टर माइंड कस्तूरबा में पोस्टेड एक डाटा ऑपरेटर बताया जा रहा है.