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BIHAR: विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों की हड़ताल पर विभाग का सख्त रुख, ACS ने कार्रवाई के लिए सभी DM को लिखा पत्र

पत्र में जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि यदि आंदोलनरत कर्मियों द्वारा विधि-व्यवस्था भंग करने या सरकारी कार्य में बाधा पहुँचाने की कोशिश की जाती है, तो उनके विरुद्ध नियमों के अनुरूप सख्त कार्रवाई की जाए।

Bihar

23-Aug-2025 04:41 PM

By First Bihar

PATNA: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने संविदा पर बहाल कर्मियों की हड़ताल को नियम विरोधी बताया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है और सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। विभाग के एसीएस दीपक कुमार सिंह ने कहा है कि यह नियुक्ति संविदा पर हुई है, ऐसे में हड़ताल नियमावली के विरुद्ध है। 


राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने स्पष्ट किया है कि विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों एवं अभियंता संघ द्वारा की जा रही हड़ताल और धरना–प्रदर्शन अनुचित है और नियमावली के विपरीत है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर स्थिति स्पष्ट की है।


पत्र में कहा गया है कि संविदाकर्मी अपनी पाँच सूत्री मांगों जैसे सेवा नियमित करना, समतुल्य पद पर अधिमान्यता और वेतनमान, ईएसआईसी सुविधा आदि को लेकर हड़ताल पर चले गये हैं। उनका नियोजन बिहार विशेष सर्वेक्षण मानदेय आधारित संविदा नियोजन नियमावली 2019 तथा संशोधन नियमावली 2022 के तहत हुआ है।


अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि संविदा कर्मियों ने नियुक्ति के समय ही यह शर्त स्वीकार की थी कि यह समयबद्ध संविदा नियोजन है और इसे किसी भी अवस्था में नियमित सेवा में तब्दील नहीं किया जा सकता। नियोजन से पूर्व सभी कर्मियों ने लिखित रूप से यह घोषणा की थी कि वे सरकारी स्थायी नौकरी का दावा नहीं करेंगे।


इसके बावजूद हड़ताल व धरना किया जा रहा है। पत्र में जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि यदि आंदोलनरत कर्मियों द्वारा विधि-व्यवस्था भंग करने या सरकारी कार्य में बाधा पहुँचाने की कोशिश की जाती है, तो उनके विरुद्ध नियमों के अनुरूप सख्त कार्रवाई की जाए।


बता दें कि बिहार में 16 अगस्त से राजस्व महाअभियान चलाया जा रहा है। राजस्व वसूली की प्रक्रिया को गति देने के लिए एक बड़ा कदम है। इस दौरान जमाबंदी में व्याप्त गड़बड़ियों को सुधारा जाएगा। लेकिन सर्वेक्षण कर्मियों की हड़ताल के कारण इसकी रफ्तार थम गई है। सरकारी स्तर पर कई कार्य अधर में लटके हुए हैं और ग्रामीण इलाकों में भू-अभिलेख तैयार करने की प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही है। राजस्व महाअभियान इन दिनों ठप पड़ा हुआ है। क्योंकि जिनके कंधों पर इस महाअभियान को सफल बनाने की बड़ी जिम्मेदारी थी वो आज अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। 


अपनी कई मांगों को लेकर पटना के गर्दनीबाग में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्यभर के करीब 13 हजार अमीन, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, कानूनगो, लिपिक और अभियंता अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर डटे हुए हैं। सभी विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी कॉन्ट्रैक्ट हटाकर नियमितीकरण करने और नौकरी की उम्र सीमा 60 साल करने की मांग कर रहे हैं। 


वही सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी को AE, कानूनगो और अमीन को JE, तथा लिपिक को UDC के समकक्ष मान्यता और वेतनमान, कार्य अनुभव को मान्यता देकर सेवा पुस्तिका की व्यवस्था करने, ESI कार्ड, परिवहन भत्ता एवं अन्य आवश्यक भत्ते उपलब्ध कराने और कार्यकाल की स्थिरता के साथ न्यायपूर्ण और सम्मानजनक सेवा सुरक्षा देने की मांग कर रहे हैं। लेकिन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी डीएम को पत्र लिखकर कार्रवाई करने को कहा है। अब देखने वाली बात यह होगी डीएम इस मामले में क्या एक्शन लेते हैं?