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09-Apr-2025 10:56 PM
By FIRST BIHAR EXCLUSIVE
PATNA: बिहार में BJP के सुशासन की कलई खुलने लगी है. बीजेपी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और पटना नगर निगम की मेयर के बेटे की बदसलूकी से त्रस्त होकर निगम की महिला जन संपर्क पदाधिकारी ने पद से इस्तीफा दे दिया है. महिला पदाधिकारी ने पुलिस को आवेदन देकर मेयर पुत्र के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई है.
बता दें कि ये वही मेयर पुत्र हैं जिन पर 6 दिन पहले डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विधान सभा अध्यक्ष, दो मंत्रियों और विधायकों की मौजूदगी में नगर निगम के उप नगर आयुक्त को मां बहन की गलियां देने का आरोप लगा था. उप नगर आयुक्त ने न सिर्फ नगर विकास विभाग को इसकी सूचना दी थी बल्कि मेयर पुत्र शिशिर कुमार के खिलाफ बकायदा एफ आई आर दर्ज कराया था. मेयरपुत्र ने इन तमाम नेताओं की मौजूदगी में महिला एंकर के साथ ऐसी बदसलूकी की थी कि वह रोने लगी थी.
मेयर के चेबर में महिला पदाधिकारी से लगातार बदसलूकी
पटना नगर निगम की जन संपर्क पदाधिकारी श्वेता भास्कर ने आज नगर आयुक्त को अपना इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपने त्यागपत्र में कहा है कि वे पिछले 4 सालों से यानि 2021 से ही पटना नगर निगम में पीआरओ के पद पर अपनी सेवा दे रही हैं. लेकिन अब मेयर पुत्र शिशिर कुमार के कारण इस पद को त्याग रही हैं. श्वेता भास्कर ने अपने त्य़ाग पत्र में लिखा है “मेयर पुत्र द्वारा न सिर्फ बार बार मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया है बल्कि निरंतर (कभी फोन तो कभी महापौर के चैम्बर में उनके द्वारा मेरे साथ अभद्र व्यवहार किया जाता रहा है.
वर्तमान में भी वह पटना नगर के कार्यक्रम में उनके द्वारा अश्वद् व्यवहार करते हुए मुझे नौकरी से निकालने की धमकी दी गई. इसके अलावा एक निजी चैनल को इंटरव्यू देते हुए उनके द्वारा मेरे निजी जिंदगी पर भी टिप्पणी की गई. इन घटनाओं से मैं बहुत आहत हूँ और यह एक स्त्री के सम्मान की बात है. मैं पटना नगर निगम के ऐसे माहौल में कार्य नहीं कर पाउंगी.
महिला पदाधिकारी के खिलाफ बेहद अभद्र टिप्पणी की
श्वेता भास्कर ने मेयरपुत्र और बीजेपी नेता शिशिर कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पटना के महिला थाने मे आवेदन दिया है. श्वेता भास्कर ने कहा है कि मेयरपुत्र शिशिर कुमार ने उनके व्यक्तिगत जीवन को लेकर बेहद अभद्र टिप्पणी की है. एक निजी चैनल को इंटरव्यू देकर महिला के सम्मान को रौंदने की कोशिश की है. मेयरपुत्र ने कहा कि उसे(श्वेता भास्कर को) पति ने छोड़ दिया है इसलिए नौकरी कर रही है. श्वेता भास्कर ने इसे सरासर गलत करार देते हुए पुलिस से एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.
मेयरपुत्र के कारनामों से नगर निगम में त्राहिमाम
बता दें कि बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और पटना नगर निगम के मेयरपुत्र शिशिर कुमार का ये पहला कारनामा नहीं है. बकायदा सरकारी रिपोर्ट है कि शिशिर कुमार नगर निगम के हर काम में कमीशनखोरी कर रहे हैं. लेकिन बीजेपी के राज में शिशिर कुमार पर कार्रवाई की बात तो दूर रही, नगर निगम के कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए अपना सम्मान और प्रतिष्ठा बचाना मुश्किल हो गया है.
3 अप्रैल को सार्वजनिक सभा में बड़ा कांड करने का लगा था आरोप
ये घटना इसी 3 अप्रैल की है. कार्यक्रम नगर विकास विभाग का था. राजधानी पटना में हुए इस कार्यक्रम में बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विधानसभा के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा, पथ निर्माण मंत्री नितीन नवीन समेत कई विधायक शामिल हुए थे. पटना में नगर निगम के नये कार्यालय भवन के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान हुआ वाकया शर्मसार और हैरान कर देने वाला है.
बीजेपी नेता और मेयर पुत्र ने ताबड़तोड़ गालियां दीं
पटना नगर निगम के उप नगर आयुक्त हैं रामाशीष शऱण तिवारी. बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रामाशीष शऱण तिवारी ने पटना के नगर आयुक्त के साथ साथ पुलिस को लिखित आवेदन देकर अपने साथ हुए वाकये की जानकारी दी है. उनके आवेदन के मुताबिक नगर निगम कार्यालय भवन के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान पटना की मेयर के बेटे शिशिर कुमार ने उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां दी. शिशिर कुमार ने उनकी स्वर्गीय मां को भी गालियां दी. बता दें कि शिशिर कुमार बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य भी हैं.
रामाशीष शरण तिवारी ने नगर आय़ुक्त को जानकारी दी है कि उनकी मां का निधन कैंसर से पीड़ित होने के कारण 22 साल पहले हो चुका है. लेकिन अब उन्हें मां की गालियां सुननी पड़ रही है. उप नगर आय़ुक्त ने अपन आवेदन में कहा है कि नगर विकास विभाग के कार्यक्रम के दौरान मेयरपुत्र शिशिर कुमार उनके पास आये और गाली-गलौज से बात करना शुरू कर दिया. शिशिर कुमार ने कहा-तुमने मेरी मां(पटना की मेयर) का भाषण क्यों नहीं तैयार किया. उप नगर आयुक्त ने कहा कि उन्हें मेयर का भाषण तैयार करने की जिम्मेवारी नहीं दी गयी थी. अगर जिम्मेवारी दी जाती तो वे उसे पूरा करते.
उप नगर आयुक्त ने अपनी लिखित शिकायत में कहा है कि इसके बाद शिशिर कुमार ने मेरी मां को गालियां देना शुरू कर दिया. चूंकि कार्यक्रम में कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे. इसे देखते हुए मैंने शिशिर कुमार की गालियों को उस समय चुपचाप सुनकर बर्दाश्त कर लिया. लेकिन कार्यक्रम के बाद इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को दी है. उप नगर आय़ुक्त ने पुलिस के पास भी इस मामले की शिकायत की है.
मंच पर रोने लगी महिला एंकर
सत्ता के संरक्षण में बौराये मेयर पुत्र की हरकतें यहीं तक सीमित नहीं रही. कार्यक्रम की एंकरिंग कर रही महिला एंकर ने भी पटना के नगर आय़ुक्त के पास लिखित शिकायत दी है. महिला एंकर ने कहा है कि मेयर पुत्र शिशिर कुमार मंच पर जाकर उनके साथ बदतमीजी की. फर्स्ट बिहार के पास प्रत्यक्षदर्शियों के बयान हैं, जिसमें वे बता रहे हैं कि शिशिर कुमार की बदतमीजी के बाद महिला एंकर मंच पर ही रोने लगीं.
एक और कर्मचारी के साथ गाली-गलौज
पटना के नगर आयुक्त के पास एक और कर्मचारी ने लिखित शिकायत की है. आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे इस कर्मचारी ने भी कहा है कि मेयरपुत्र ने उन्हं नगर निगम कार्यालय के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान बेहद भद्दी-भद्दी गालियां दीं और नौकरी से निकाल देने की धमकी दी.
मंत्री से करीबी का फायदा?
नगर विकास विभाग के सूत्र बता रहे हैं कि इस पूरे वाकये की जानकारी नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा को भी दी गयी है. लेकिन मेयरपुत्र सह बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य शिशिर कुमार के खिलाफ कार्रवाई की फाइलें वहीं रूक गयी हैं. बता दें कि काफी पहले ही शिशिर कुमार पर कमीशनखोरी से लेकर भ्रष्टाचार के बेहद गंभीर आरोपों की सरकारी रिपोर्ट नगर विकास के पास भेजी जा चुकी है. लेकिन चर्चा ये है कि पिछले महीने जीवेश मिश्रा के नगर विकास मंत्री बनने के बाद सारी फाइल कोल्ड स्टोरेज में चली गयी हैं. जीवेश मिश्रा के मंत्री बनने के साथ ही शिशिर कुमार के हाथों मिठाई खाने से लेकर उनसे स्वागत कराने की तस्वीरों पर खूब चर्चा हुई थी.
कमीशनखोरी औऱ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपी हैं शिशिर कुमार
बता दें कि ये सरकारी रिपोर्ट है कि पटना नगर निगम में लूट का खुला खेल चल रहा है. नगर निगम प्रशासन ने साफ साफ कह रखा है कि मेयर सीता साहू के बेटे और बीजेपी नेता शिशिर कुमार ने लूट की सारी हदें पार कर दी हैं. त्रस्त नगर आयुक्त ने नगर विकास विभाग से गुहार लगाई है कि पटना नगर निगम में टेंडर से लेकर एजेंसी चुनने का काम सरकार खुद करे. अगर पटना नगर के जिम्मे ये काम सौंपा गया तो मेयर के बेटे को पैसा वसूलने का मौका मिलेगा.
लेकिन शिशिर कुमार BJP की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हैं. गंभीर आरोपों के बावजूद वे नगर निगम के हर कार्यक्रम में नजर आ रहे हैं. बीजेपी के आला नेता उन्हें गले लगा रहे हैं. उनके खिलाफ भेजी गयी रिपोर्ट का क्या हुआ, ये सरकार बताने को तैयार नहीं है. सरकार ये भी नहीं बता रही है नगर विकास विभाग और पटना नगर निगम के कार्यक्रमों में शिशिर कुमार किस हैसियत से शामिल हो रहे हैं.
27 फरवरी को नगर आय़ुक्त ने भेजी थी रिपोर्ट
पटना नगर आयुक्त ने पिछले 27 फरवरी को ही पटना नगर निगम में हो रहे खेल की जानकारी राज्य सरकार को दी थी. आय़ुक्त ने कहा था कि उन्हें ये सूचना मिली है कि महापौर पुत्र शिशिर कुमार द्वारा पटना नगर निगम के विभिन्न वेंडर के अवधि का एक्सटेंशन के नाम पर बलपूर्वक राशि की वसूली की जाती है. मेयर के बेटे की डिमांड पूरी होने के बाद ही एक्सटेंशन दिया जाता है. नगर निगम में काम करने वाले कुछ चुने हुए वेंडरों को ही कार्य-विस्तार (एक्सटेंशन) दिया जाता है.
नगर आयुक्त की रिपोर्ट में कहा गया था कि नगर निगम में काम कर रहे वेंडरों को एक्सटेंशन के संबंध में पटना नगर निगम कार्यालय द्वारा सशक्त स्थायी समिति के समक्ष अगस्त माह में ही प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया. रिपोर्ट के मुताबिक मेयर के बेटे ने वेंडरों से अवैध राशि की माँग की थी. लेकिन एजेंसी ने पैसा नहीं दिया तो एक्सटेंशन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया.
नगर निगम में लूट की हदें पार
नगर आय़ुक्त ने सरकार को बताया था कि पटना नगर निगम का हाल ये है कि पिछले कई महीने से सशक्त स्थायी समिति की बैठक भी नहीं की गई है. निगम के सारे बड़े फैसले यही समिति करती है लेकिन बैठक ही नहीं की जाती. नगर निगम के लिए काम कर रही एजेंसी की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी सशक्त स्थाई समिति द्वारा बैठक नहीं किए जाने से सारा काम बाधित होता रहा है.
कई अहम काम रुका
नगर निगम का हाल ये है कि अहम काम करने के लिए नई एजेंसी का चयन भी नहीं हो पा रहा है. मैनपॉवर और ड्राइविंग एजेंसी का कार्यकाल समाप्त हो गया है. नगर आयुक्त द्वारा सशक्त स्थाई समिति को इस संबंध में फाइल भेजी गई लेकिन इसके बाद भी इसे कार्य सूची में भी शामिल नहीं किया गया.
राज्य सरकार खुद कराए काम
नगर आयुक्त ने सरकार को साफ साफ रिपोर्ट भेजी थी कि पटना नगर निगम अब से किसी एजेंसी को टेंडर में ही कार्य-अवधि निर्धारित कर दी जाए और एक्सटेंशन की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया जाय. पटना नगर निगम में अवैध वसूली रोकने के लिए एजेंसी के एक्सटेंशन का अधिकार नगर विकास विभाग अपने हाथों में ले ले. नगर आय़ुक्त की रिपोर्ट में कहा गया था कि नगर निगम में काम कर रही एजेंसी के कर्मियों द्वारा लगातार यह आरोप लगाया गया है कि महापौर पुत्र शिशिर कुमार द्वारा पैसे की मांग की जा रही है. लगातार ये शिकायत मिली है कि शिशिर कुमार अवैध रूप से नगर निगम की गतिविधियों में शामिल रहते है और कार्यालय में निजी स्वार्थ के लिये दवाब बनाते है.
BJP की वाशिंग मशीन
पटना नगर निगम की मेयर सीता साहू और उनके बेटे शिशिर कुमार BJP के नेता हैं. शिशिर कुमार बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हैं. वे बिहार बीजेपी के कुछ बड़े नेताओं के बेहद करीबी माने जाते रहे हैं. सीता साहू और शिशिर कुमार को लेकर पहले भी गंभीर सवाल उठे हैं लेकिन सत्ता से करीबी होने का लाभ उन्हें मिलता रहा है. अब ऐसी शर्मनाक घटना सामने आयी है. लेकिन बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने चुप्पी साध ली है.