ISM पटना में छात्र परिषद शपथ ग्रहण समारोह, 17 छात्र प्रतिनिधियों ने ली बड़ी जिम्मेदारी SAHARSA: मणिकांत हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, दो ने कोर्ट में किया सरेंडर बिहटा चेन स्नैचिंग कांड का खुलासा, चार आरोपी गिरफ्तार PURNEA: जानकीनगर पुलिस ने 12 घंटे में चोरी की घटना का किया खुलासा, दो गिरफ्तार बड़हरा की तीर्थ यात्रा पहल को नई गति, नथमलपुर से अयोध्या के लिए रवाना हुआ श्रद्धालुओं का जत्था विद्या विहार विद्यालय में अलंकरण समारोह, पूर्व छात्र IPS प्रवीन प्रकाश बने मुख्य अतिथि चुनाव से पहले एसपी का निरीक्षण, मीरगंज में सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा Bihar Politics: ‘वोट चोरी से प्रधानमंत्री बनें हैं नरेंद्र मोदी’ आरजेडी सांसद संजय यादव का बड़ा हमला हैदराबाद में सनातन महाकुंभ: सिंदूर महायज्ञ का हुआ आयोजन Bihar News: बिहार में यहां बनने जा रहीं दो फोरलेन सड़कें, पथ निर्माण विभाग ने भेजा डीपीआर; खर्च होंगे 201 करोड़
23-Aug-2025 02:11 PM
By First Bihar
BIHAR TEACHER NEWS : बिहार हमेशा से ही अपने अजीबो-गरीब कारनामों को लेकर सुर्ख़ियों में बना रहा है। ऐसे में अब एक ताजा मामला बांका से निकलकर सामने आया है। जहां एक मृत टीचर के ऊपर FIR कर दिया गया। वह भी कोई एक FIR नहीं बल्कि 5 FIR किए गए हैं। इसके बाद अब यह पूरा मामला सुर्ख़ियों में आ गया है। आसपास के लोग भी यह सवाल कर रहे हैं कि आखिर मृत इंसान पर FIR कैसे संभव है।
जानकारी के मुताबिक, बिहार में एक मृत शिक्षक पर एफआईआर का अजब-गजब मामला सामने आया है। जहां बांका जिले के शंभूगंज में फर्जी सर्टिफिकेट के मामले में शिक्षक निरंजन कुमार पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने केस दर्ज करा दिया। यहां अहम बात यह है कि जिस टीचर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई है। उसकी मृत्यु 5 साल पहले ही मृत्यु हो चुकी है। इसके बाद टीचर के परिजन भी इस बात से हैरान हैं।
इस मामले में शिक्षक के परिजन का कहना है कि उन्होंने प्रखंड बीआरसी से लेकर शिक्षा विभाग के जिला कार्यालय तक मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि भेज दी थी। इसके बावजूद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने मृत शिक्षक के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी। मिर्जापुर पंचायत के सोंडीहगांव निवासी निरंजन कुमार कई वर्षों तक प्राथमिक विद्यालय मेहरपुर में पदस्थापित थे।
बताया जाता है कि, साल 2020 में कोरोना काल के दौरान टीचर निरंजन कुमार की मौत हो गई थी। मृतक पर केस होने से शिक्षा विभाग से लेकर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो तक लापरवाही सामने आई है।
इधर, थानाध्यक्ष मंटू कुमार ने बताया कि शुक्रवार को निरंजन कुमार के डेथ सर्टिफिकेट परिजन ने थाने में दिया है। इस आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। वहीं, निगरानी की जांच में निरंजन के साथ सोनवर्षा की शिक्षिका पल्लवी कुमारी का सर्टिफिकेट भी फर्जी पाया गया। पल्लवी प्राथमिक विद्यालय जगतापुर में कार्यरत थीं। वह भी साल 2018 से लापता हैं।