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21-Dec-2025 08:35 AM
By First Bihar
Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana : बिहार सरकार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है। इस योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने के लिए शुरुआती तौर पर 10-10 हजार रुपये की सहायता राशि दी जा रही है। सरकार ने इस योजना के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तय की है। तय समय के भीतर आवेदन करने वाली महिलाओं को ही इस योजना का लाभ मिल सकेगा। शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों की महिलाएं इस योजना के लिए आवेदन कर सकती हैं।
एक करोड़ 56 लाख महिलाओं को मिल चुकी है राशि
जीविका (BRLPS) के माध्यम से संचालित इस योजना के तहत अब तक राज्य की एक करोड़ 56 लाख महिलाओं को 10 हजार रुपये की सहायता राशि दी जा चुकी है। इसका उद्देश्य महिलाओं को छोटे स्तर पर व्यापार या रोजगार शुरू करने के लिए प्रेरित करना है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। सरकार का मानना है कि इस शुरुआती मदद से महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हो सकेंगी और आगे चलकर बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
10 हजार के बाद मिलेंगे 2 लाख रुपये
इस योजना की खास बात यह है कि शुरुआती सहायता राशि के बाद महिलाओं को दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त आर्थिक मदद भी दी जाएगी। हालांकि, यह राशि एकमुश्त नहीं दी जाएगी। जीविका की ओर से तय किया जा रहा है कि यह रकम किस्तों में लाभार्थियों को दी जाएगी। महिला द्वारा रोजगार शुरू करने और उसके कामकाज की प्रगति की जांच के बाद ही अगली किस्त जारी की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राशि का सही उपयोग हो और रोजगार स्थायी रूप से आगे बढ़ सके।
रोजगार के लिए ट्रेनिंग मॉडल तैयार
सरकार इस योजना के तहत महिलाओं को केवल आर्थिक सहायता ही नहीं, बल्कि रोजगार से जुड़ी ट्रेनिंग देने की भी तैयारी कर रही है। इसके लिए एक विशेष मॉडल तैयार किया जा रहा है, जिससे महिलाएं अपने चुने हुए व्यवसाय को बेहतर तरीके से चला सकें। प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें वित्तीय प्रबंधन, मार्केटिंग और उत्पादन से जुड़ी जानकारी दी जाएगी।
शहरी महिलाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं पहले से ही जीविका के नेटवर्क में शामिल हैं। वहीं, शहरी इलाकों की वे महिलाएं जो स्वयं सहायता समूह से नहीं जुड़ी हैं, वे जीविका की आधिकारिक वेबसाइट www.brlps.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकें।
जिलावार लाभार्थियों की स्थिति
राज्य के अलग-अलग जिलों में बड़ी संख्या में महिलाओं को इस योजना का लाभ मिला है। पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर और मधुबनी में सात लाख से अधिक महिलाओं को राशि दी गई है। पश्चिम चंपारण, समस्तीपुर और पटना में छह लाख से अधिक महिलाएं लाभान्वित हुई हैं। वहीं गया, कटिहार, सारण और अररिया में पांच-पांच लाख, जबकि बांका, बेगूसराय, भागलपुर, नालंदा, पूर्णिया, रोहतास, सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल और वैशाली में चार-चार लाख महिलाओं को सहायता मिली है।
दस लाख महिलाओं को अभी नहीं मिली राशि
हालांकि, योजना के लिए आवेदन करने वाली करीब दस लाख महिलाओं को अब तक राशि नहीं मिल सकी है। जीविका के अनुसार, आवेदन में कमियां होने के कारण यह स्थिति बनी है। कई मामलों में आधार नंबर या बैंक खाता विवरण में गड़बड़ी पाई गई है। इन आवेदनों की दोबारा जांच की जा रही है और सुधार के बाद जल्द ही उनके खातों में भी राशि भेजी जाएगी।
400 पुरुषों के खातों में पहुंची राशि
इस योजना का लाभ केवल महिलाओं के लिए है, लेकिन जांच में सामने आया है कि राज्यभर में लगभग 400 पुरुषों के बैंक खातों में भी 10-10 हजार रुपये की राशि चली गई है। जीविका ने इसकी रिपोर्ट मंगाई है। फिलहाल राशि की रिकवरी को लेकर स्पष्ट गाइडलाइन नहीं होने के कारण कार्रवाई नहीं की गई है। अधिकारियों के मुताबिक, कुछ लोग स्वेच्छा से राशि वापस भी कर रहे हैं। गाइडलाइन जारी होने के बाद इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।कुल मिलाकर, मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना बिहार की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है, जिससे आने वाले समय में महिला सशक्तिकरण को नई मजबूती मिलने की उम्मीद है।