Reliance Industries Limited: मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत को मिली बड़ी जिम्मेदारी, इस कंपनी के बनाए गए डायरेक्टर Bihar Politics: बिहार के दोनों डिप्टी CM डरपोक, बोलें तेजस्वी यादव ... सम्राट और सिन्हा निकम्मा और नकारा, CM नीतीश भी अचेत Bihar Politics: : बिहार के दोनों डिप्टी CM डरपोक, बोलें तेजस्वी यादव ... सम्राट और सिन्हा निकम्मा और नकारा, CM नीतीश भी अचेत BIHAR CRIME :कलयुगी साले ने चाक़ू से गोदकर जीजा को मौत के घाट उतारा, परिजनों में मातम का माहौल; जांच में जुटी पुलिस Road Accident in Bihar : तेज रफ़्तार का कहर ! मॉर्निंग वॉक पर निकले पति-पत्नी को ट्रक ने कुचला, मचा हड़कंप Bihar Teacher: BPSC TRE 3.0 पास अभ्यर्थी कर लें तैयारी, इस डेट में होगी ज्वाइनिंग, साथ रखना होगा यह डॉक्यूमेंट Bihar Government : CM नीतीश कुमार के लिए खरीदी जा रही नई गाड़ी, बम,गोली और गैस अटैक भी होगा फेल; इन्हें भी मिलेगा फायदा Bihar Electricity Bill : बिहार में सस्ती हुई बिजली, लाखों उपभोक्ताओं को बड़ी राहत; वापस होंगे पहले से लिए गए पैसे Bihar Land News : दाखिल -खारिज का आवेदन अटकाना CO और RO को पड़ गया महंगा, अब खुद के जेब से भरने होंगे रुपए INDIAN RAILWAY : दिल्ली से बिहार आने वाली ट्रेनों का रूट बदला,अब इस जगह भी होगा स्टॉपेज
26-Apr-2025 09:40 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार में प्रशासनिक कड़ाई और अपने बेबाक अंदाज के लिए मशहूर आईएएस अधिकारी डॉ. के. के. पाठक अब राज्य सेवा से विदा ले चुके हैं। राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें औपचारिक रूप से रिलीज कर दिया है। अब वे केंद्र सरकार में कैबिनेट सचिवालय में अपर सचिव के पद की जिम्मेदारी निभाएंगे।
1990 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ.केके पाठक उन अधिकारियों में गिने जाते हैं, जिन्होंने अपने सख्त प्रशासनिक रवैये, अनुशासनप्रियता और ईमानदारी से बिहार की प्रशासनिक छवि को नई दिशा देने का प्रयास किया। बिहार में केके पाठक की पहचान एक कड़क और निडर अधिकारी के तौर पर रही है। जो किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार या ढिलाई को बर्दाश्त नहीं करते थे। शराबबंदी कानून में उनकी प्रमुख भूमिका रही है।
डॉ. केके पाठक ने राज्य में शराबबंदी कानून को लागू करवाने में निर्णायक भूमिका निभाई। उन्होंने इसके क्रियान्वयन को सख्ती से लागू करने के लिए पुलिस व प्रशासनिक तंत्र को निर्देशित किया था और कई जिलों में औचक निरीक्षण भी किए थे। यही नहीं शिक्षा विभाग को भी उन्होंने सुधार दिया।
शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव रहते हुए केके पाठक शिक्षकों की लापरवाही पर लगाम कसने और स्कूलों में अनुशासन लाने के लिए कई कड़े फैसले लिये। कई बार वे खुद अचानक स्कूलों का निरीक्षण करने पहुंच जाते थे और अधिकारियों की क्लास लगा देते थे।
राजस्व परिषद में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई। जहां बिहार राजस्व पर्षद में वो अपर सचिव के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने भूमि विवादों और मापी कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए ठोस कदम उठाए। हाल ही में केंद्र सरकार ने उन्हें कैबिनेट सचिवालय में अपर सचिव की जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया था। अब बिहार सरकार की ओर से उन्हें रिलीज कर दिया गया है। अब वो जल्द ही दिल्ली के लिए रवाना होंगे और जल्द ही अपनी नई जिम्मेदारी संभालेंगे।
बता दें कि डॉ. केके पाठक का रिटायरमेंट भी नजदीक है, ऐसे में उनकी बिहार प्रशासनिक सेवा में वापसी की संभावना बहुत कम मानी जा रही है। यह विदाई उनके प्रशंसकों और राज्य प्रशासनिक व्यवस्था के लिए एक युग का अंत माना जा सकता है। डॉ. केके पाठक की कार्यशैली को लेकर लोगों की अलग-अलग सोच है..कुछ लोग उन्हें एक बेहद ईमानदार और निडर अफसर मानते हैं तो कोई उन्हें कड़क अफसर मानता है। नियम कानून से काम करने वाले और सख्त और कड़वे व्यवहार को लेकर केके पाठक अक्सर चर्चा में बने रहते थे। उनके जाने के बाद कई लोग कह रहे हैं कि "बहुत याद आएंगे केके पाठक”..