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Driving license : आपको भी बनवाना है ड्राइविंग लाइसेंस, तो जान लीजिए यह नियम; इस दिन से पूरे बिहार में बदल जाएंगे रूल्स

Driving license : पटना और औरंगाबाद के बाद एक मार्च से पूरे बिहार में ड्राइविंग टेस्ट के नियम बदल जाएंगे। जिसमें ऑटोमैटिक टेस्टिंग ट्रैक ट्रायल अनिवार्य होगा।

Driving license

14-Feb-2025 09:33 AM

By First Bihar

Driving license : बिहार के सभी जगहों में ड्राइविंग लाइसेंस बनबाने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है। अब मार्च महीने से ड्राइविंग लाइसेंस पाने के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। अगले माह से सभी जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्टिंग ट्रैक पर परीक्षा देना अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था सड़क सुरक्षा और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई है। 


दरअसल, बिहार में वर्तमान में सिर्फ पटना और औरंगाबाद ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्टिंग ट्रैक पर परीक्षा देना अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन अब 36 जिलों में इसे लागू करने की योजना है। इसके लिए हर जगहों पर ऑटोमैटिक टेस्टिंग ट्रैक बनकर तैयार किया गया है। लेकिन कुछ जगहों पर जमीन संबंधित विवाद को लेकर उक्त जगह को सील कर दिया है। ऐसे में अब इसको लेकर जल्द ही नया निर्णय लिया जाएगा। 


अब परिवहन विभाग के पदाधिकारी उसे खुलवाने को लेकर पत्राचार करने की कवायद शुरू कर दी है। मालूम है कि अभी पटना और औरंगाबाद में ऑटोमैटिक टेस्टिंग ट्रायल के माध्यम से ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत किया जा रहें है। इसके अलावा मोतिहारी, दरभंगा सहित 26 जिलों में ट्रैक बनकर तैयार है। बाकी 10 जिलों में ट्रैक बनाना बाकी है।


इसके साथ ही टेस्टिंग ट्रैक के माध्यम से आवेदकों को आनलाइन आवेदन के बाद सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में सड़क पर टेस्ट देना होगा। इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य केवल उन उम्मीदवारों को लाइसेंस प्रदान करना है, जो वाहन चलाने के योग्य हैं और यातायात नियमों का पालन करते हैं। विभाग का मानना है कि इससे बगैर टेस्ट के लाइसेंस देने की प्रथा पर अंकुश लगेगा, जिससे सड़क सुरक्षा में सुधार होगा। इस नई व्यवस्था से ड्राइविंग लाइसेंस में पारदर्शिता बढ़ेगी और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आने की संभावना है।


आपको बता दें कि, लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदकों को पहचान प्रमाण, पता प्रमाण, आयु प्रमाण और चार पासपोर्ट साइज फोटो जमा करने होंगे। इसके बाद, लर्निंग टेस्ट में यातायात नियमों के बारे में सवाल पूछे जाएंगे। इसके बाद लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस दिया जाएगा। ऐसे में गलत लोगों को लाइसेंस निर्गत नहीं किया जाएगा।