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09-Apr-2025 06:02 PM
By First Bihar
Cyber Fraud in Bihar: बिहार के सीतामढ़ी जिले से एक चौंकाने वाला साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें अपराधियों ने महज 19 महीनों के भीतर लगभग 3 करोड़ 33 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर डाली। हालांकि, पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए 68 लाख रुपये को बैंकों में फ्रीज (होल्ड) करा दिया है। इसके अलावा अब तक 100 से अधिक फर्जी फेसबुक अकाउंट और 500 मोबाइल नंबर भी बंद करवाए गए हैं।
साइबर अपराध का बढ़ता दायरा
सीतामढ़ी में बीते कुछ वर्षों में ऑनलाइन ठगी की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। लोगों को जागरूक करने के बावजूद, लालच या जानकारी के अभाव में कई लोग इन जालसाजों के शिकार बन जाते हैं। इसी के चलते अब राज्य सरकार ने लगभग हर जिले में साइबर थाना खोलने की पहल की है।
210 से अधिक मामले, कई गिरफ्तारियां
साइबर थाना डीएसपी आलोक कुमार के अनुसार, बीते 19 महीनों में 210 से ज्यादा साइबर अपराध के केस दर्ज किए गए हैं। इनमें कुछ मामलों में पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट भी किए हैं और स्थानीय एवं अन्य जिलों से अपराधियों को हिरासत में लिया गया है।
नौकरी के नाम पर ठगी
रून्नीसैदपुर थाना क्षेत्र के रैन विशुनी गांव निवासी विकास कुमार झा को ऑनलाइन नौकरी देने का झांसा देकर उनसे 1.45 लाख रुपये ऐंठ लिए गए। उनके दोनों व्हाट्सएप नंबरों पर कॉल कर विश्वास में लेकर फ्रॉड ने पांच बार में पैसे ठग लिए।वहीँ ,सुप्पी थाना क्षेत्र के ससौला गांव निवासी दीपेश कुमार साह ने बताया कि उनके एसबीआई क्रेडिट कार्ड से 54,321 रुपये की अवैध खरीदारी कर ली गई। उन्हें अचानक ओटीपी मिला और जब तक कुछ समझते, तीन बार में पैसे निकल चुके थे। उन्होंने तुरंत एसबीआई और हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराई।
अपराधियों का अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन
ठगी का नेटवर्क सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं है। पश्चिमी चंपारण में पकड़े गए दो आरोपियों के पास से छह मोबाइल जब्त किए गए, जिनमें दिल्ली, गया, पेरिस और मिडिल ईस्ट देशों के अपराधियों से संपर्क के सबूत मिले हैं।
ठगी से बचाव के उपाय
डीएसपी आलोक कुमार ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति ठगी का शिकार हो जाए, तो वह तुरंत 1930 पर कॉल करके शिकायत दर्ज कर सकता है। लोगों को सलाह दी गई है कि अनजान लिंक, नौकरी या स्कीम का लालच, और बायोमेट्रिक या ओटीपी शेयरिंग से बचें। यह मामला दर्शाता है कि कैसे साइबर अपराधी तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों को ठग रहे हैं और इससे सतर्क रहना आज की सबसे बड़ी जरूरत बन चुका है।