1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 30 Dec 2025 03:13:31 PM IST
गांव वालों ने लगाया रेबीज का टीका - फ़ोटो social media
UTTAR PRADESH: उत्तर प्रदेश के बदायूं में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां के पिपरौल गांव में एक भैंस की मौत से इलाके में हड़कंप मच गया। भैंस की मौत के बाद गांव में डर का माहौल बन गया। एक नहीं बल्कि गांव के करीब 200 लोग रेबीज क टीका लगवाने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंच गये। क्या है पूरा मामला जानिये?
उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद के उझानी थाना क्षेत्र स्थित पिपरौल गांव में एक भैंस की मौत के बाद गांव में डर का माहौल बन गया। आशंका के चलते तेरहवीं की दावत में रायता खाने वाले करीब 200 ग्रामीणों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उझानी पहुंचकर एहतियातन रेबीज का टीकाकरण कराया। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति को पूरी तरह सामान्य बताया है।
तेरहवीं की दावत बना चिंता का कारण
ग्रामीणों के अनुसार, 23 दिसंबर 2025 को गांव में तेरहवीं संस्कार का आयोजन किया गया था, जिसमें पूरे गांव को दावत दी गई थी। दावत में रायता भी परोसा गया, जिसे बड़ी संख्या में लोगों ने खाया। बाद में पता चला कि जिस भैंस के दूध से रायता बनाया गया था, उसे कुछ दिन पहले एक कुत्ते ने काट लिया था। 26 दिसंबर को उस भैंस की मौत हो गई, जिसके बाद गांव में संक्रमण और रैबीज की आशंका फैल गई।
भय के चलते ग्रामीण पहुंचे स्वास्थ्य केंद्र
भैंस की मौत की खबर फैलते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई। शनिवार को बड़ी संख्या में पुरुष, महिलाएं और युवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और रैबीज का इंजेक्शन लगवाया। ग्रामीण जशोदा ने बताया कि तेरहवीं की दावत में सभी लोगों ने रायता खाया था। बाद में भैंस की मौत की जानकारी मिली, जिसे पहले कुत्ते ने काटा था। इसी कारण पूरे गांव में डर फैल गया और लोग टीका लगवाने पहुंचे। वहीं, ग्रामीण कौशल कुमार ने कहा कि भैंस को पागल कुत्ते ने काटा था और उसी के दूध से रायता बना था। किसी भी संभावित खतरे से बचने के लिए सभी ने टीकाकरण कराना उचित समझा।
स्वास्थ्य विभाग की सफाई
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्रा ने बताया कि सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल कदम उठाए। उन्होंने कहा कि आमतौर पर दूध उबालने के बाद रैबीज का खतरा नहीं रहता, लेकिन यदि किसी को संदेह हो तो एहतियातन टीका लगवाना गलत नहीं है। लेकिन प्रिवेंशन इलाज से बेहतर होता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गांव में फिलहाल किसी तरह की बीमारी नहीं फैली है और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। स्वास्थ्य विभाग एहतियात के तौर पर गांव पर नजर बनाए हुए है, ताकि किसी भी प्रकार की अफवाह या डर की स्थिति न बने।