ब्रेकिंग न्यूज़

बेतिया में गंडक नदी की तेज धार में बहा चचरी पुल, कई गांवों का संपर्क टूटा हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने राजद और कांग्रेस पर बोला हमला, कहा..आरक्षण विरोधी रहा है दोनों पार्टियों का चरित्र Bihar Ias Officers: बिहार के 12 IAS अफसरों को मिली एक और नई जिम्मेदारी, पूरी लिस्ट देखें.... Bihar News: बिहार के 544 CO पर हुआ एक्शन, फिर भी अंचल अधिकारियों पर नहीं पड़ रहा प्रभाव, मंत्री ने की हाईलेवल मीटिंग बेगूसराय में नदी में डूबने से 4 की मौत, खगड़िया में एक बच्ची की गई जान Bihar News: इन जिलों में अगले 2 दिन भीषण बारिश, IMD ने पहले कर दिया सावधान Bihar News: बिहार की इन 8 महिला समेत 13 अफसरों की लगी ड्यूटी, 19-20 तारीख को करेंगे यह काम पटना फतुहा में टाटा कमर्शियल गाड़ियों के सबसे बड़े शोरूम ‘बुद्धा शक्ति’ का उद्घाटन, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने किया शुभारंभ FASTag Yogna: कार, जीप, वैन मालिकों के लिए बड़ी खबर....3000 रू का पास बनाएं और देशभर में करें यात्रा अब घरों में इन्वर्टर लगाने की नहीं पड़ेगी जरूरत: बिहार के 15 शहरों में लगने जा रही हाई-कैपेसिटी बैटरी इन्वर्टर, पावर कट होते ही 4 घंटे मिलेगी बिजली

Child death rate in Bihar: बिहार के इस जिले में प्रसव के दौरान नवजात मृत्यु दर में भारी कमी

Child death rate in Bihar:बिहार में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को लेकर पिछले कुछ वर्षों में विकाश देखी गई है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना और जननी बाल सुरक्षा योजना जैसी सरकारी योजनाओं की वजह से प्रसव के दौरान मृत्यु दर में काफी कमी आयी है .

पटना, शिशु मृत्यु दर, प्रसव मृत्यु दर, नवजात देखभाल, मातृ स्वास्थ्य, सुरक्षित मातृत्व, संस्थागत प्रसव, शिशु स्वास्थ्य, गर्भावस्था देखभाल, प्रसव पूर्व देखभाल, पोषण और स्वास्थ्य, नवजात शिशु मृत्यु, सरका

07-Mar-2025 06:17 PM

By First Bihar

Child death rate in Bihar : बिहार की सामाजिक और आर्थिक संरचना के कारण राज्य में कई समस्याएँ देखने को मिलती हैं, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की वजह से सामाजिक सुरक्षा में लगातार सुधार हो रहा है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना और जननी बाल सुरक्षा योजना जैसी सरकारी पहल के कारण राजधानी पटना और आसपास के क्षेत्रों में शिशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, जन्म के समय नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में लगातार गिरावट आई है। यदि आँकड़ों की बात करें, तो अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक पटना जिले में कुल 49,724 बच्चों का जन्म हुआ था, जिनमें से 795 शिशुओं की मृत्यु गर्भ में ही हो गई थी। वहीं, अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के बीच जिले में कुल 38,735 संस्थागत प्रसव हुए, जिनमें 387 शिशुओं की गर्भ में ही मृत्यु हो गई। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि प्रसव के दौरान नवजात मृत्यु दर में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।

प्रसव के दौरान शिशु मृत्यु के कारण

जन्म के समय यदि शिशु को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती, तो उसकी मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, समय से पहले जन्म (प्रीमैच्योर डिलीवरी) होने की स्थिति में शिशु के फेफड़े और अन्य अंग पूरी तरह विकसित नहीं हो पाते, जिससे उसकी जीवित रहने की संभावना कम हो जाती है। जन्म के तुरंत बाद निमोनिया या अन्य गंभीर संक्रमण हो जाने पर भी शिशु मृत्यु दर बढ़ सकती है।

शिशु मृत्यु दर कम करने के उपाय

गर्भधारण के समय से ही नियमित स्वास्थ्य जांच आवश्यक है। इस दौरान संतुलित आहार की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यदि गर्भवती महिलाओं को आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की सही मात्रा मिले, तो नवजात मृत्यु दर को काफी हद तक कम किया जा सकता है।