ब्रेकिंग न्यूज़

मुजफ्फरपुर में शिक्षक को पॉक्सो के तहत 3 साल की सजा, 6 वर्षीय बच्ची से बैड टच करने का था आरोप किशनगंज आवासीय विद्यालय में फूड पॉइजनिंग: 16 छात्राएं बीमार, एक की हालत नाज़ुक पटना में साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़: 25 मोबाइल-लैपटॉप के साथ 4 अपराधी गिरफ्तार बिहार के गृह मंत्री ने कर दिया बड़ा ऐलान, कहा..लालू की प्रॉपर्टी सीज कर गरीब बच्चों के लिए खोलेंगे स्कूल मुजफ्फरपुर में बड़ी कार्रवाई: पोखरेरा टोल प्लाजा से 11 कार्टन अवैध शराब बरामद, दो तस्कर गिरफ्तार पटना में धूमधाम के साथ मनाया गया TCH EDUSERV का स्थापना दिवस, स्कॉलरशिप योजना की हुई घोषणा पटना में पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल: कदमकुआं–कोतवाली–गांधी मैदान सहित कई थानों के थानाध्यक्ष बदले, देखिये पूरी लिस्ट भाई वीरेंद्र के खिलाफ पटना सिविल कोर्ट में चार्जशीट दायर, राजद विधायक को हो सकती है 7 साल की सजा! 7 जिलों को जोड़ेगा आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे, 40 फीसदी पूरा हुआ बिहार के पहले हाई-स्पीड रोड नेटवर्क का काम Bihar Ias Transfer: बिहार में बड़े पैमाने पर IAS अफसरों का ट्रांसफर-पोस्टिंग, पूरी लिस्ट देखें...

Bihar News: पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी सहित बिहार के 7 विश्वविद्यालयों पर दर्ज होगा FIR, ऐसे हुआ मामले का खुलासा

Bihar News: 12 फरवरी को कुलपतियों और कुलसचिवों की बैठक हुई थी। महालेखाकार की आपत्ति संबंधी रिपोर्ट को शिक्षा विभाग ने सबके समक्ष रखा तब 7 यूनिवर्सिटी में हुई गड़बड़ी का मामला सामने आया। इन विश्वविद्यालयों ने खर्च की गई राशि का हिसाब अभी तक नहीं दिया

BIHAR POLICE

15-Feb-2025 06:31 PM

By First Bihar

Bihar News: बिहार के 7 यूनिवर्सिटी में 177.38 करोड़ की वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। इन सभी पर अब केस दर्ज करने की तैयारी चल रही है। इनमें आरा के वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, पटना के पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय, भागलपुर के तिलका मांझी विश्वविद्यालय और मधेपुरा के बीएन मंडल विश्वविद्यालय का नाम शामिल है। इन विश्वविद्यालयों ने खर्च की गई राशि का हिसाब अभी तक नहीं दिया है जिसे लेकर महालेखाकार कार्यालय ने आपत्ति जतायी है।


इन विश्वविद्यालयों के कुल सचिवों से शिक्षा विभाग ने पूरा हिसाब मांगा है। एक हफ्ते के भीतर पूरी रिपोर्ट पेश करने को कहा है। दरअसल इन 7 यूनिवर्सिटी द्वारा ना तो वित्तीय अनुशासन का पालन किया गया और ना ही अंकेक्षण रिपोर्ट और उपयोगिता प्रमाण पत्र ही प्रस्तुत किया गया। 


बता दें कि 12 फरवरी को शिक्षा विभाग में कुलपतियों और कुलसचिवों की बैठक हुई थी। इस बैठक में महालेखाकार की आपत्ति संबंधी रिपोर्ट को विभाग ने सबके समक्ष रखा। तब इन सातों यूनिवर्सिटी में हुई गड़बड़ी का मामला सामने आया। रिपोर्ट के अनुसार आरा के वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में 142 करोड़ 52 लाख की उत्तर पुस्तिकाओं की खरीद में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। 


पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में साढ़े 4 करोड़ की उत्तर पुस्तिकाओं की खरीद में नियमावली का पालन नहीं किया गया। मुजफ्फरपुर के बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने 3.70 करोड़ का हिसाब नहीं दिया। वही दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ने भी एक करोड़ 45 लाख रुपये खर्च का हिसाब नहीं दिया। 


जबकि दरभंगा के कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय ने बिना वेतन सत्यापन किए 16 करोड़ 39 लाख रुपये का भुगतान शिक्षकों को कर दिया। उसी तरह भागलपुर के तिलका मांझी विवि ने खर्च हुए 4 करोड़ का हिसाब नहीं दिया। वही मधेपुरा के बीएन मंडल विवि ने भी 5.50 करोड़ रूपये खर्च करने के बाद हिसाब नहीं दिया। इन सातों विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। अब इन सभी विश्वविद्यालय पर केस दर्ज करने की तैयारी चल रही है।