ब्रेकिंग न्यूज़

बेगूसराय में तालिबानी सजा: युवक को पिलर से बांधकर बेरहमी से पीटा, वीडियो वायरल Bihar Ias Officer: बिहार के ये आईएएस अफसर केंद्रीय मंत्री के बने P.S , बिहार सरकार ने किया विरमित BIHAR: सहरसा में पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल, 3 थानाध्यक्ष समेत कई अफसरों का तबादला BIHAR: दो बाइक की सीधी टक्कर में एक की दर्दनाक मौत, दो की हालत नाजुक Bihar Land News: बिहार के इस जिले में 84 हजार से अधिक जमीनों की रजिस्ट्री पर क्यों लग गई रोक? जानिए.. इसके पीछे की वजह Bihar Land News: बिहार के इस जिले में 84 हजार से अधिक जमीनों की रजिस्ट्री पर क्यों लग गई रोक? जानिए.. इसके पीछे की वजह Bihar News: मदरसा शिक्षा बोर्ड का हुआ गठन, JDU नेता को बनाया गया अध्यक्ष तो MLC बने सदस्य, पूरी लिस्ट देखें... Chenab Bridge Story: चिनाब ब्रिज की नींव में बसी है इस प्रोफेसर की 17 साल की मेहनत Andre Russell-Virat Kohli: रसल को रास न आया टेस्ट क्रिकेट पर कोहली का बयान, कहा "सम्मान करता हूँ मगर..." Bihar Politics: VIP नेता संजीव मिश्रा पहुंचे महादलित बस्ती, जनसंवाद के ज़रिए रखी विकास की आधारशिला

Bihar News: पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी सहित बिहार के 7 विश्वविद्यालयों पर दर्ज होगा FIR, ऐसे हुआ मामले का खुलासा

Bihar News: 12 फरवरी को कुलपतियों और कुलसचिवों की बैठक हुई थी। महालेखाकार की आपत्ति संबंधी रिपोर्ट को शिक्षा विभाग ने सबके समक्ष रखा तब 7 यूनिवर्सिटी में हुई गड़बड़ी का मामला सामने आया। इन विश्वविद्यालयों ने खर्च की गई राशि का हिसाब अभी तक नहीं दिया

BIHAR POLICE

15-Feb-2025 06:31 PM

By First Bihar

Bihar News: बिहार के 7 यूनिवर्सिटी में 177.38 करोड़ की वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। इन सभी पर अब केस दर्ज करने की तैयारी चल रही है। इनमें आरा के वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, पटना के पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय, भागलपुर के तिलका मांझी विश्वविद्यालय और मधेपुरा के बीएन मंडल विश्वविद्यालय का नाम शामिल है। इन विश्वविद्यालयों ने खर्च की गई राशि का हिसाब अभी तक नहीं दिया है जिसे लेकर महालेखाकार कार्यालय ने आपत्ति जतायी है।


इन विश्वविद्यालयों के कुल सचिवों से शिक्षा विभाग ने पूरा हिसाब मांगा है। एक हफ्ते के भीतर पूरी रिपोर्ट पेश करने को कहा है। दरअसल इन 7 यूनिवर्सिटी द्वारा ना तो वित्तीय अनुशासन का पालन किया गया और ना ही अंकेक्षण रिपोर्ट और उपयोगिता प्रमाण पत्र ही प्रस्तुत किया गया। 


बता दें कि 12 फरवरी को शिक्षा विभाग में कुलपतियों और कुलसचिवों की बैठक हुई थी। इस बैठक में महालेखाकार की आपत्ति संबंधी रिपोर्ट को विभाग ने सबके समक्ष रखा। तब इन सातों यूनिवर्सिटी में हुई गड़बड़ी का मामला सामने आया। रिपोर्ट के अनुसार आरा के वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में 142 करोड़ 52 लाख की उत्तर पुस्तिकाओं की खरीद में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। 


पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में साढ़े 4 करोड़ की उत्तर पुस्तिकाओं की खरीद में नियमावली का पालन नहीं किया गया। मुजफ्फरपुर के बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने 3.70 करोड़ का हिसाब नहीं दिया। वही दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ने भी एक करोड़ 45 लाख रुपये खर्च का हिसाब नहीं दिया। 


जबकि दरभंगा के कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय ने बिना वेतन सत्यापन किए 16 करोड़ 39 लाख रुपये का भुगतान शिक्षकों को कर दिया। उसी तरह भागलपुर के तिलका मांझी विवि ने खर्च हुए 4 करोड़ का हिसाब नहीं दिया। वही मधेपुरा के बीएन मंडल विवि ने भी 5.50 करोड़ रूपये खर्च करने के बाद हिसाब नहीं दिया। इन सातों विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। अब इन सभी विश्वविद्यालय पर केस दर्ज करने की तैयारी चल रही है।