ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: पूर्व BJP विधायक के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी, अश्विनी चौबे पर भी मुकदमा दर्ज Bihar News: गंडक नदी में घड़ियालों की बेतहाशा बढ़ोतरी, 10 साल में 1000 के पार पहुंची संख्या Bihar News: सब्जी मंडी में युवक को दबंगई पड़ी भारी, एसएसबी जवान और पुलिस अधिकारी से हाथापाई के बाद गिरफ्तार Bihar News: यातायात पुलिस के 24 कर्मियों पर गिरी गाज, SP ने इस कारण किया निलंबित Bihar Crime News: लखीसराय में डबल मर्डर, मुखिया और वार्ड सदस्य को मारी गोली Bihar Crime News: आपसी विवाद में युवक की चाकू मारकर हत्या, छह हिरासत में Bihar News: राजस्व विभाग की जांच में बड़ा खुलासा, जरूरतमंदों को नहीं दी गई जमीन Bihar News: दीघा-कोइलवर फोरलेन निर्माण में खर्च होंगे 5500 करोड़, इतने साल में पूरा होगा काम; मॉडल तय बिहार बदलाव यात्रा के तहत गोपालगंज के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रशांत किशोर, पहले दिन चार जनसभाओं को किया संबोधित छपरा और सीवान पहुंचे तेजस्वी यादव ने शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि, परिजनों से हर संभव मदद का किया वादा

परिवहन विभाग ने 'सुशासन' का गला घोंटा...यहां IAS-BAS पर भारी है 'दारोगा' ! करप्शन के आरोपी डीटीओ 10 दिनों में हो गए सस्पेंड, पर 3-4 सालों बाद भी दो ESI को सस्पेंड करने की हिम्मत नहीं जुटा पाये 'हाकिम'

Bihar Transport News: नालंदा के जिला परिवहन पदाधिकारी के ठिकानों पर 7 मार्च 2025 को छापेमारी हुई, सरकार ने 10 दिनों बाद 17 मार्च को आरोपी अधिकारी को सस्पेंड कर दिया. परिवहन विभाग ने अपने दो ESI को आजतक नहीं किया निलंबित. बड़ा खेल है...

Bihar Transport News,Corrupt Officers, Bettiah DM, raids, TRANSPORT MVI, बेतिया मोटरयान निरीक्षक, परिवहन विभाग,परिवहन दारोगा, प्रवर्तन अवर निरीक्षक, परिवहन विभाग, परिवहन विभाग के सचिव

18-Mar-2025 02:03 PM

By Viveka Nand

Bihar Transport: नीतीश राज में भ्रष्टाचार सातवें आसमान पर पहुंच गया है. कई विभागों द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपी, जिनके खिलाफ जांच एजेंसियां कार्रवाई करती हैं, उनके निलंबन की फाइल को दबा दी जाती है. लंबी अवधि बीतने के बाद भी न प्रशासनिक और न ही अनुशानिक कार्रवाई होती है. परिवहन विभाग ने रिकार्ड तोड़ दिया है. बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जिला परिवहन पदाधिकारी( DTO) बनाए जाते हैं. डीटीओ के खिलाफ भ्रष्टाचार केस होने पर सामान्य प्रशासन विभाग तुरंत कार्रवाई करता है, पर परिवहन विभाग अपने कर्मियों-अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं करता. भ्रष्टाचार केस में निलंबन की फाइल को दबाकर बैठ जाता है.उदाहरण से समझिए....नालंदा के जिला परिवहन पदाधिकारी के ठिकानों पर 7 मार्च 2025 को छापेमारी हुई, सरकार ने 10 दिनों बाद 17 मार्च को आरोपी अधिकारी को सस्पेंड कर दिया. परिवहन विभाग का खेल देखिए, आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपी अपने दो प्रवर्तन अवर निरीक्षकों को 4-5 साल बाद भी सस्पेंड नहीं किया है. आज भी दोनों आरोपी सुशासन को ठेंगा दिखाकर आराम से नौकरी कर रहे. 

भ्रष्टाचार के आरोपी परिवहन के डीटीओ सस्पेंड 

नीतीश सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपी जिला परिवहन पदाधिकारी अनिल कुमार दास को सस्पेंड कर दिया है. सामान्य प्रशासन विभाग में 17 मार्च को पत्र जारी किया है. सरकार के आदेश में कहा गया है की विशेष निगरानी इकाई ने 7 मार्च 2025 को जानकारी दी है कि नालंदा के जिला परिवहन पदाधिकारी अनिल कुमार दास के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के दर्ज किया गया है. 6 मार्च को केस संख्या-3 दर्ज किया गया है. निगरानी विशेष निगरानी इकाई ने यह भी बताया है कि उन्होंने आरोपी अधिकारी ने अपनी सेवा काल में (2010 से लेकर अब तक) भ्रष्टाचार एवं गैर कानूनी तरीके से 94 लाख से अधिक की अवैध संपत्ति अर्जित की है. लिहाजा इन्हें निलंबित किया जाता है. 

आरोपी से अधिक तो परिवहन विभाग जिम्मेदार 

 किशनगंज के तत्कालीन परिवहन दारोगा (प्रवर्तन अवर निरीक्षक) विकास कुमार के खिलाफ 25 अप्रैल 2023 को डीए केस संख्या 19-23 दर्ज हुआ था. निगरानी ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज कर परिवहन विभाग के प्रवर्तन अवर निरीक्षक विकास कुमार के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. हद तो तब हो गई जब 25 अप्रैल 2023 से 18 मार्च 2025 आ गया, परिवहन विभाग ने भ्रष्टाचार के आरोपी परिवहन दारोगा को आज तक सस्पेंड नहीं किया है. समस्तीपुर के तत्कालीन प्रवर्तन अवर निरीक्षक के खिलाफ 2 दिसंबर 2019 को निगरानी ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस किया था. आरोपी प्रवर्तन निरीक्षक के खिलाफ डीए केस संख्या- 47-19 दर्ज है. आज तक इस केस को अनुसंधान में ही रखा गया है.  निगरानी विभाग का रिकार्ड यही बता रहा है. हद तो तब हो गई जब भ्रष्टाचार के आरोपी को निलंबित भी नहीं किया गया. बड़ा सवाल यही है कि भ्रष्टाचार के आरोपियों से परिवहन विभाग इतनी हमदर्दी क्यों रखता है ? पूरे मामले तो विभाग के वरीय अधिकारी हीं कटघरे में हैं.