ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Voter List Revision: बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का काम अंतिम चरण में, अब तक 98% मतदाता कवर; EC का दावा Bihar Voter List Revision: बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का काम अंतिम चरण में, अब तक 98% मतदाता कवर; EC का दावा Bihar News: स्वतंत्रता सेनानी रामधारी सिंह उर्फ जगमोहन सिंह का निधन, देश की आजादी में निभाई थी अहम भूमिका Bihar News: बिहार की सरकारी वेबसाइटों का होगा साइबर ऑडिट, आर्थिक अपराध इकाई ने बनाया बड़ा प्लान Bihar News: बिहार की सरकारी वेबसाइटों का होगा साइबर ऑडिट, आर्थिक अपराध इकाई ने बनाया बड़ा प्लान Bihar Crime News: बिहार में घरेलू कलह ने लिया हिंसक रूप, दांतों से पति की जीभ काटकर निगल गई पत्नी Bihar Crime News: बिहार में घरेलू कलह ने लिया हिंसक रूप, दांतों से पति की जीभ काटकर निगल गई पत्नी Bihar Transport: फिटनेस का फुल स्पीड खेल ! बिहार के ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर 'प्रमाण पत्र' जारी करने में देश भर में बना रहे रिकॉर्ड, गाड़ियों की जांच के नाम पर 'फोटो फ्रॉड इंडस्ट्री' ? Bihar Politics: SIR के मुद्दे पर तेजस्वी के साथ खडे हुए JDU सांसद, निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया तुगलकी फरमान Bihar Politics: SIR के मुद्दे पर तेजस्वी के साथ खडे हुए JDU सांसद, निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया तुगलकी फरमान

Bihar News: ग्राम कचहरी के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं ये तीन मामले, पटना हाई कोर्ट ने सरपंच के आदेश पर लगाई रोक

Bihar News

09-Apr-2025 02:07 PM

By First Bihar

Bihar News: पटना हाई कोर्ट ने ग्राम कचहरी, रामपट्टी (मधुबनी) द्वारा 8 मार्च 2022 और 16 मार्च 2024 को पारित दोनों आदेशों को अवैध और अधिकार क्षेत्र से बाहर करार देते हुए रद्द कर दिया। न्यायाधीश राजेश कुमार वर्मा की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता निरंजन मिश्रा की याचिका पर यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि ग्राम कचहरी ने "अधिकार, शीर्षक व स्वामित्व" से जुड़े सवालों का निपटारा करने का प्रयास किया, जो बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 की धारा 111 के तहत स्पष्ट रूप से निषिद्ध है।


वहीं, इस मामले में वरीय अधिवक्ता बिनोदानंद मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि ग्राम कचहरी ने याचिकाकर्ता की ज़मीन पर प्रतिवादी श्रीमंत मिश्रा को अवैध कब्जा बनाए रखने और 8,500 रुपये मुआवजा वसूलने का आदेश दिया था। मामला 20 सितंबर 2021 का है, जब श्रीमंत मिश्रा ने ग्राम कचहरी में आवेदन दायर कर आरोप लगाया था कि निरंजन मिश्रा ने 1971 के पारिवारिक बंटवारे के बावजूद उनकी 1.5 धुर ज़मीन पर मकान बना लिया और 2.25 धुर भूमि का मौखिक लेन-देन किया।


बता दें कि ग्राम कचहरी ने बिना याचिकाकर्ता की दलील सुने ही आदेश पारित कर दिया। अदालत ने यह तर्क स्वीकार किया कि धारा 110 के तहत ग्राम कचहरी केवल सीमित प्रकार के वित्तीय दावों (₹10,000 तक) और साधारण विभाजन मामलों पर ही निर्णय ले सकती है, जबकि "स्वामित्व व शीर्षक" से जुड़े मामले इसके अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं।


न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, "जब कानून ने किसी प्राधिकरण को अधिकार नहीं दिया, तो वह निर्णय कैसे ले सकता है?" कोर्ट ने ग्राम कचहरी के आदेश को "अवैध और असंवैधानिक" ठहराते हुए रद्द कर दिया है।