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22-Jul-2025 09:36 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार के रजिस्टर्ड कारखानों में काम करने वाले मजदूरों के लिए श्रम संसाधन विभाग ने एक नई नियमावली लागू की है, यह राज्य के 8,000 से अधिक निबंधित कारखानों में कार्यरत 2 लाख से ज्यादा कामगारों को लाभ पहुंचाएगी। इस नियमावली के तहत अब मजदूरों से एक दिन में अधिकतम 8 घंटे और सप्ताह में 48 घंटे (साप्ताहिक अवकाश सहित) ही काम लिया जाएगा। यदि कारखाना मालिक 8 घंटे से अधिक काम करवाते हैं तो उन्हें कामगारों को सामान्य वेतन की दोगुनी दर से भुगतान करना होगा। यह कदम कामगारों और नियोक्ताओं के बीच बेहतर संबंध स्थापित करने और मजदूरों के आर्थिक शोषण को रोकने के लिए उठाया गया है।
पहले ओवरटाइम के नाम पर मजदूरों से अतिरिक्त काम लिया जाता था, लेकिन भुगतान प्रति घंटे की सामान्य दर पर ही होता था। नई नियमावली में यह स्पष्ट किया गया है कि 8 घंटे से अधिक काम के लिए दोगुना वेतन अनिवार्य होगा। यह नियम कारखाना अधिनियम 1948 की धारा 59 के प्रावधानों के तहत लागू किया गया है।
नई नियमावली में कामगारों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी गई है। 500 या अधिक कामगारों वाले कारखानों में एक सुरक्षा अधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य होगी। खतरनाक प्रक्रिया वाले कारखानों में 250 कामगारों पर एक सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। अधिक कामगारों की स्थिति में अतिरिक्त सुरक्षा अधिकारियों की बहाली होगी। प्रत्येक कारखाने में एक सुरक्षा समिति गठित की जाएगी, जिसमें नियोक्ता के साथ-साथ कामगारों का प्रतिनिधि भी शामिल होगा।
श्रम संसाधन विभाग का कहना है कि इस नियमावली का मुख्य उद्देश्य कामगारों के हितों की रक्षा करना और उनके शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण को रोकना है। पहले मजदूरों को ओवरटाइम के लिए उचित भुगतान नहीं मिलता था, जिसके कारण असंतोष बढ़ता था। नई व्यवस्था से न केवल मजदूरों को उचित वेतन मिलेगा बल्कि कारखानों में कार्यस्थल की सुरक्षा भी बढ़ेगी।
बिहार सरकार ने हाल ही में मजदूरों के लिए कई अन्य कदम भी उठाए हैं। 1 अक्टूबर 2024 से न्यूनतम मजदूरी में 3.17% की बढ़ोतरी की गई है। अकुशल मजदूरों की दैनिक मजदूरी 424 रुपये, अर्धकुशल 440 रुपये, कुशल 536 रुपये और अतिकुशल 654 रुपये प्रतिदिन हो गई है। मजदूरों को अकुशल, अर्धकुशल, कुशल और अतिकुशल श्रेणियों में बांटा गया है ताकि उनकी योग्यता के अनुसार न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित हो।
हालांकि, नई नियमावली को लागू करने में कुछ चुनौतियां भी हैं। कई छोटे कारखाने और अनौपचारिक क्षेत्र इस नियम का पालन करने में आनाकानी कर सकते हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए श्रम निरीक्षकों की टीमें निगरानी करेंगी और उल्लंघन की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।