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23-Aug-2025 09:12 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार में बागमती और बूढ़ी गंडक नदियों को जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी नदी जोड़ो परियोजना (बेलवाधार) का काम बरसात के बाद पूरा होने की उम्मीद है। इस परियोजना के तहत शिवहर जिले के पिपराही प्रखंड से मुजफ्फरपुर के मीनापुर तक 68.80 किलोमीटर लंबे बेलवा-मीनापुर चैनल का पुनः खुदाई और सुधार कार्य तेजी से चल रहा है। जल संसाधन विभाग के अनुसार, इस योजना से बागमती नदी का अतिरिक्त जल उसकी पुरानी धारा के माध्यम से बूढ़ी गंडक में प्रवाहित होगा, जिससे शिवहर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और पूर्वी चंपारण के 16 प्रखंडों में बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार होगा। इस परियोजना की लागत 130.88 करोड़ रुपये है।
जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता ई. धर्मेंद्र कुमार ने इस परियोजना को विभाग की प्राथमिकता बताया और कार्य प्रगति की समीक्षा के दौरान फीडबैक मांगा है। उन्होंने कहा कि बरसात के बाद कार्य को दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहला चरण चैनल की शुरुआत और दूसरा समापन स्थल पर केंद्रित है। इस परियोजना से न केवल बाढ़ के खतरे को कम किया जाएगा बल्कि 1.35 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। पिपराही, डुमरी, कटसरी, तरियानी, पताही, पेंहार, तेतरिया, पकड़ीदयाल, मधुबन, मीनापुर, हायाघाट, बोचहा, बांद्रा, मुसहरी और कल्याणपुर जैसे प्रखंड सीधे लाभान्वित होंगे।
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बागमती नदी के अतिरिक्त जल को बूढ़ी गंडक में डायवर्ट करना है, जिससे बाढ़ की विभीषिका से प्रभावित क्षेत्रों को राहत मिले। बिहार में हर साल बागमती नदी के उफान से शिवहर और मुजफ्फरपुर में भारी नुकसान होता है। चैनल पर पांच नए पुलों का निर्माण भी चल रहा है जो क्षेत्र की कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा। जल संसाधन विभाग ने कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है ताकि संरचनाएं दीर्घकालिक और तकनीकी मानकों के अनुरूप हों। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस परियोजना को जल्द पूरा करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं।
यह योजना बिहार सरकार की नदी जोड़ो परियोजनाओं का हिस्सा है, जिसके तहत बाढ़ नियंत्रण के साथ-साथ कृषि क्षेत्र को मजबूती देने का लक्ष्य है। बिहार में बाढ़ हर साल लाखों लोगों की आजीविका को प्रभावित करती है और यह परियोजना इस समस्या से निपटने में मील का पत्थर साबित हो सकती है। इसके अलावा गंडक-अकाली नाला और गंगा-छाड़ी नदी जोड़ो जैसी अन्य योजनाओं को भी मंजूरी दी गई है जो समस्तीपुर और दरभंगा जैसे जिलों को लाभ पहुंचाएंगी। बागमती-बूढ़ी गंडक परियोजना के पूरा होने से न केवल बाढ़ से राहत मिलेगी बल्कि किसानों को सालभर सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा, जिससे कृषि उत्पादकता बढ़ेगी।