Bihar News: बिहार के इन जिलों में इंडस्ट्रियल हब का निर्माण, रोजगार की आने वाली है बाढ़.. Bihar News: बिहार के इन जिलों में एयरपोर्ट का निर्माण, गया हवाई अड्डे को बनाया जाएगा इस मामले में खास.. ISM पटना में व्याख्यान का आयोजन: इसके माध्यम से युवाओं को मिला लैंगिक संवेदनशीलता का संदेश Bihar Cabinet Meeting: नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला...इस विभाग में 459 लिपिक की होगी बहाली..इन आंदोलनकारियों की पेंशन राशि में भारी वृद्धि अररिया में लूट की कोशिश नाकाम: एक्सीडेंट में घायल हुए दो बदमाश, ग्रामीणों ने हथियार के साथ पकड़ा Bihar Education News: 1st Bihar की खबर का बड़ा असर, भ्रष्टाचार में लिप्त A.E. की सेवा होगी समाप्त.. शिक्षा विभाग को भेजा गया प्रस्ताव, करप्शन की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी Patna News: पटना में स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, ड्रोन से होगी निगरानी Patna News: पटना में गंदगी फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई, इस दिन से अभियान शुरू Janmashtami 2025: जन्माष्टमी पर क्यों तोड़ी जाती है दही हांडी? जानिए... इस परंपरा का इतिहास और महत्व Bihar News: बिहार में मिला इतने हजार करोड़ का खनिज, खजाने की ई-नीलामी की तैयारी में जुटी केंद्र सरकार
08-Mar-2025 12:13 PM
By First Bihar
Holi 2025: हमारा देश इस समय होली के रगों में रंगा हुआ है। होली का त्योहार आने में कुछ ही दिन शेष है, होली बिहार का भी सबसे अहम पर्व है। इसे मनाने देश के कोने-कोने में बसे बिहारी अपने घर आते हैं, लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं बिहार के एक ऐसे गांव की कहानी जहां 250 साल से होली नहीं मनाई जा रही है। बिहार के मुंगेर जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर असरगंज प्रखण्ड के इस गांव में होली अभिशाप मानी जाती है। गांव में करीब 2000 लोग रहते हैं, लेकिन कोई भी होली नहीं मनाता है।
यहां के लोगों की मान्यता है कि पूरे फागुन में इस गांव के किसी घर में अगर पुआ या छानने वाला कोई पकवान बनता है तो उस परिवार पर कोई विपदा आ सकती है । इस गांव को लोग सती गांव भी कहते है । ग्रामीण महेश सिंह बताते हैं कि लगभग 250 साल पहले इसी गांव में सती नाम की एक महिला के पति का होलिका दहन के दिन निधन हो गया था। निधन के बाद सती अपने पति के साथ जल कर सती होने की जिद करने लगी. लेकिन ग्रामीणों ने उसे इस बात की इजाजत नहीं दिए और परिजनों ने उसे एक कमरे में बंद कर उसके पति के शव को श्मशान घाट ले जाने लगे, लेकिन शव बार-बार अर्थी से नीचे गिर जाता था।
गांव वालों ने जब पत्नी को घर का दरवाजा खोल कर निकाला तो पत्नी दौड़कर पति के अर्थी के पास पहुंचकर कहती है कि मैं भी अपने पति के साथ जल कर सती होना चाहती हूं। यह बात सुनकर गांव वालों ने गांव में ही चिता तैयार कर दी। तभी अचानक पत्नी के हाथों की उंगली से आग निकलती है ।उसी आग में पति-पत्नी साथ-साथ जल गए. उसके बाद कुछ गांव वालों ने गांव में सती का एक मंदिर बनवाया और उसे सती माता मानकर पूजा करने लगे। तब से इस गांव में होली नहीं मनाई जाती है।
वहीं स्थानीय निवासी राजीव सिंह ने बताया कि इस गांव के लोग फागुन बीत जाने के बाद 14 अप्रैल को होलिका दहन मनाते हैं। हमारे पूर्वजों के समय से ही ऐसी रीत चली आ रही है और अगर कोई इस पूरे माह में छानकर बनाया जाने वाला पकवान बनाने की कोशिश करता है तो उसके घर में अचानक आग लग जाती है। इस तरह की घटनाएं कई बार हो चुकी हैं। जो परंपरा चली आ रही है उसे सब मानते हैं। अन्य दिनों की तरह ही लोग होली के दिन भी साधारण रहते है।