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03-Nov-2025 12:31 PM
By First Bihar
bike accident : बिहार में सड़क हादसों की घटनाओं में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। राज्य के अंदर शायद ही ऐसा कोई दिन गुजरता हो जब सड़क हादसे की वजह से किसी की जान ना जा रही हो। इसी कड़ी में अब एक ताजा मामला जमुई जिले से सामने आया है। जहां जमुई-लखीसराय मुख्य मार्ग पर एक अज्ञात वाहन ने बाइक सवार तीन युवकों को टक्कर मार दी। इस हादसे में दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।
हादसा सिमरिया मदन रोड के समीप हुआ। मृतकों की पहचान 18 वर्षीय निराला महतो और 19 वर्षीय दिनेश महतो के रूप में की गई है। घायल युवक का नाम केदारनाथ है, जिसे इलाज के लिए एक निजी क्लिनिक में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है और परिजनों ने इलाज में पूरी सतर्कता बरतने की अपील की है।
जानकारी के अनुसार, तीनों युवक रविवार रात किसी निजी काम से एक ही बाइक पर सवार होकर अपने घर लौट रहे थे। तभी अचानक अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि दो युवक घटनास्थल पर ही दम तोड़ गए। वहीं घायल युवक को तुरंत नजदीकी निजी क्लिनिक में भर्ती कराया गया।
इस हादसे ने इलाके में मातम और सनसनी फैला दी है। मृतकों के परिजनों का आरोप है कि यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं थी बल्कि हत्या की नियत से वाहन चालक ने उन्हें टक्कर मारी और शव सड़क पर फेंक दिया। परिजनों ने घटना को गंभीर बताया और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
घटना की सूचना मिलते ही टाउन थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। टाउन थाना अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस पूरे प्रकरण की गहनता से जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि शवों को रात तक सड़क पर पड़े रहना संज्ञान में लिया गया है और मामले की तफ्तीश तेज कर दी गई है। पुलिस अब CCTV फुटेज और आसपास के लोगों से बयान लेकर आरोपी वाहन चालक की पहचान करने की कोशिश कर रही है।
जिले में सड़क सुरक्षा को लेकर बढ़ते सवालों ने प्रशासन की नींद हराम कर दी है। विशेषज्ञों के अनुसार, बिहार में सड़क हादसों के बढ़ते मामलों के पीछे तेज गति, शराब पीकर वाहन चलाना और सड़क अव्यवस्था मुख्य कारण हैं। इस मामले में भी प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि टक्कर तेज गति से आ रहे वाहन के कारण हुई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन पर्याप्त सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के पालन की दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि सड़क पर कैमरा, रॉड साइन और पुलिस पैट्रोलिंग बढ़ाई जाए ताकि ऐसे हादसों से लोगों की जान बचाई जा सके।
जमुई में यह हादसा एक बार फिर से राज्य में सड़क सुरक्षा की गंभीर स्थिति को उजागर करता है। परिजन और स्थानीय लोग दोनों ही प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं। पुलिस भी सभी संभावित सुराग जुटाकर अज्ञात वाहन चालक की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हुई है।
इस बीच घायल केदारनाथ की स्थिति नाजुक बनी हुई है और डॉक्टर लगातार उसकी निगरानी कर रहे हैं। परिवार और ग्रामीण दोनों ही उसे सुरक्षित देखने के लिए चिंतित हैं। मृतकों के अंतिम संस्कार की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं।
यह घटना न केवल जमुई बल्कि पूरे बिहार में सड़क सुरक्षा की आवश्यकता को दोबारा प्रमाणित करती है। सड़क हादसे लगातार बढ़ रहे हैं और इससे राज्य की युवा पीढ़ी भी प्रभावित हो रही है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए शिक्षा, नियमों का कड़ाई से पालन और सड़क संरचना में सुधार आवश्यक है।
अंततः, जमुई का यह दुखद हादसा एक चेतावनी है कि अगर सड़क सुरक्षा पर गंभीर ध्यान नहीं दिया गया तो हादसों का सिलसिला थमने वाला नहीं है। प्रशासन, पुलिस और समाज को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसे दुखद हादसे रोके जा सकें।