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08-Mar-2025 09:23 AM
By KHUSHBOO GUPTA
Holi 2025: होली आने में बस कुछ ही समय बचा है। ऐसे में अभी से ही होली के सामानों से बाजार गुलजार हैं। इस बार फूल और प्राकृतिक चीजों से बने हर्बल गुलाल की काफी ज्यादा डिमांड है। लिहाजा बिहार के जमुई जिले की महिलाएं नेचर विलेज से जुड़कर प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल कर हर्बल गुलाल बना रही हैं। इस हर्बल गुलाल को तैयार करने में प्राकृतिक फल-फूलों का इस्तेमाल किया जा रहा है। हर्बल गुलाल बनाकर महिलाएं मुनाफा भी अच्छा कमा रही हैं।
जमुई जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड अंतर्गत मटिया गांव की महिलाएं हर्बल गुलाल बनाकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। पालक, गेंदा फूल, गुलाब फूल, चुकंदर, संतरा, अरारोट आदि का इस्तेमाल कर हर्बल गुलाल तैयार किया जाता है। ट्रेनर गीता भारती ने बताया कि महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने के लिए ट्रेनिंग दी गई है। यहां पालक, गेंदा फूल, गुलाब फूल का इस्तेमाल कर गुलाल तैयार किया जा रहा है। पहले ये महिलाएं बीड़ी बनाने का काम करती थीं और उन्हें सिर्फ 50 से 60 रुपए की आमदनी होती थी। लेकिन हर्बल गुलाल बनाकर महिलाएं 200 रुपये से ज्यादा कमा रही हैं।
हर्बल गुलाल जितना तैयार किया जा रहा है, वह लगातार बिक रहा है। इस बार मार्केट में इसकी डिमांड काफी अधिक है क्योंकि नेचुरल तरीके से तैयार यह गुलाल किसी भी रूप से हानिकारक नहीं है। वहीं अंचलाधिकारी निर्भय प्रताप सिंह ने कहा कि पिछली बार हमारा फोकस था कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए और सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जाए। इस बार 45 क्विंटल हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा है। 20 महिलाएं इस काम में लगी हुई हैं, जिसका काम होली से पहले तक चलेगा।