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10-Apr-2025 12:07 PM
By RITESH HUNNY
Bihar News: जमुई के राधिका इमरजेंसी अस्पताल में इलाजरत हांसडीह निवासी विचन रावत की 21 वर्षीय पुत्री गुड्डी देवी की मौत हो गई। पिछले 8 दिनों से अस्पताल में भर्ती गुड्डी की तबीयत बिगड़ने पर जब परिजन उसे सदर अस्पताल ले गए, तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतका की शादी दो साल पहले लखीसराय के रामगढ़ चौक निवासी छोटन रावत से हुई थी। वह एक साल के पुत्र की मां थीं।
गुड्डी के भाई तपोस रावत ने बताया कि 2 अप्रैल को तेज बुखार होने पर बहन को सदर अस्पताल लाया गया था, जहां से स्टार अल्ट्रासाउंड के स्टाफ डब्ल्यू रावत ने बेहतर इलाज का झांसा देकर राधिका को इमरजेंसी अस्पताल भेजा। वहां 3 अप्रैल को उसे भर्ती किया गया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं था और इलाज कंपाउंडर के भरोसे चल रहा था। लगातार परिजनों को यह आश्वासन दिया जात रहा कि स्थिति नियंत्रण में है, पर जब हालत गंभीर हुई, तो आठवें दिन कहा गया कि मरीज को कहीं और ले जाया जाए।
जिसके बाद जमुई जिले के सदर अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने गुड्डी को मृत घोषित कर दिया। तपोस ने बताया कि उनकी बहन की मौत पहले ही हो चुकी थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने गुमराह कर बाहर रेफर करने का नाटक किया। आठ दिन के इलाज के नाम पर परिवार से तीन लाख रुपये भी वसूले गए। गरीब परिवार ने कर्ज लेकर यह रकम चुकाई थी। गुड्डी की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने जमुई-खैरा मुख्य मार्ग को 45 मिनट तक जाम कर दिया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद जाम हटाया गया। इसके बाद जब परिजन राधिका इमरजेंसी अस्पताल पहुंचे, तो पहले से सुरक्षा के लिए बुलाए गए लोगों ने उन पर ईंट-पत्थर और लाठी-डंडों से हमला कर दिया। करीब 10 मिनट तक हुए पथराव में मृतका के कई परिजन घायल हो गए। तीन लोगों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
इस हमले में मृतका की भाभी काजल देवी (पति उत्तम कुमार) का हाथ टूट गया, जबकि तपोस रावत के सिर में गंभीर चोट आई है। सभी घायलों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। घटना की जानकारी मिलते ही एसपी मदन कुमार आनंद को सूचित किया गया। मौके पर सीओ ललिता कुमारी और टाउन थाना प्रभारी अमरेन्द्र कुमार दल-बल के साथ पहुंचे और अस्पताल प्रबंधक से पूछताछ शुरू की। पूछताछ के दौरान भी अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं पाया गया। फिलहाल पुलिस ने अस्पताल के दो कर्मियों सहित छह लोगों को हिरासत में लिया है।
सीओ ललिता कुमारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर मामले की जांच की जा रही है। मृतका के परिजनों ने इलाज में लापरवाही और मारपीट की लिखित शिकायत दी है। पत्रकारों द्वारा बिना रजिस्ट्रेशन के अस्पताल संचालन पर सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में डीएम, एसडीएम और एसपी को जानकारी दे दी गई है। जांच में दोषी पाए जाने पर अवैध अस्पतालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।