ब्रेकिंग न्यूज़

Train News: बिहार के इस स्टेशन से स्पेशल ट्रेनों का होगा परिचालन, इन जिलों के लोगों की परेशानी हुई दूर Train News: बिहार के इस स्टेशन से स्पेशल ट्रेनों का होगा परिचालन, इन जिलों के लोगों की परेशानी हुई दूर Bihar Crime News: निगरानी की गिरफ्त में आया बिहार का घूसखोर दारोगा, 5 हजार रिश्वत लेते रंगेहाथ अरेस्ट Bihar News: बिहार में खनिज संपदा की खोज पर सरकार का फोकस, खान एवं भूतत्व विभाग की कार्यशाला में हुआ मंथन Bihar News: बिहार में खनिज संपदा की खोज पर सरकार का फोकस, खान एवं भूतत्व विभाग की कार्यशाला में हुआ मंथन Bihar News: बिहार के सभी DM पहले बात करें..हड़ताल तोड़ने को कहें, नहीं माने तो एक्शन लें, सरकार ने सभी समाहर्ताओं को दी छूट Bihar Dsp: पत्नी-बच्चों के नाम पर 'करोड़ों' की संपत्ति अर्जित करने के आरोपी DSP फंसे, पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट पर शुरू हुई कार्यवाही Buxar News: भारत प्लस ग्रुप ऑफ इंडस्ट्री के दो नए उद्योगों का भूमि पूजन, अजय सिंह बोले- लोगों को रोजगार देना पहली प्राथमिकता Samastipur News: ‘दुष्कर्म के आरोपियों को बचा रही बिहार पुलिस’ VIP नेता देव ज्योति का बड़ा आरोप Samastipur News: ‘दुष्कर्म के आरोपियों को बचा रही बिहार पुलिस’ VIP नेता देव ज्योति का बड़ा आरोप

Electricity wastage in gaya ; बिहार के इस जिले में 45 लाख से अधिक की बिजली बर्बादी हो रही है ?

Electricity wastage in gaya : गया नगर निगम की लापरवाही के कारण हर महीने 45 लाख रुपये से अधिक की बिजली बेवजह बर्बाद हो रही है। शहर में हजारों स्ट्रीट लाइटें दिन के समय भी जलती रहती हैं, जिससे लाखों यूनिट बिजली फालतू खर्च होती है।

बिहार, गया, नगर निगम, स्ट्रीट लाइट, बिजली बर्बादी, Centralized Control Room, बिजली खपत, एजेंसी, वार्ड जमादार, Gaya Municipal Corporation, electricity wastage, street lights, power consumption, mainten

19-Mar-2025 06:22 PM

By First Bihar

Electricity wastage in gaya ; गया जिले में हर महीने 45 लाख रुपये से अधिक की बिजली बर्बाद हो रही है। नगर निगम द्वारा शहर में लगभग 18,000 स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं, लेकिन दिन के समय भी ये जलती रहती हैं, जिससे हर महीने साढ़े सात लाख यूनिट बिजली बेवजह बर्बाद हो रही है।


नगर निगम ने लाइटें बुझाने की जिम्मेदारी वार्ड जमादारों को दी है, लेकिन वे सफाई कार्यों में व्यस्त रहने के कारण इस काम पर ध्यान नहीं दे पाते। 2015-16 में लाइटों की निगरानी के लिए एक सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम बनाने की योजना बनी थी, लेकिन यह अब तक पूरी नहीं हो सकी। पहले लाइटों के रखरखाव की जिम्मेदारी एक एजेंसी को दी गई थी, लेकिन उसे हटा दिया गया और अब तक किसी नई एजेंसी को नियुक्त नहीं किया गया है।

अगर 106 कर्मचारियों को विशेष रूप से लाइटें बुझाने के लिए रखा जाए तो 11 लाख रुपये प्रति माह खर्च आएगा, जिससे 45 लाख रुपये की बर्बादी को रोका जा सकता है। नगर निगम जल्द ही नई एजेंसी को लाइटों के रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपने की प्रक्रिया पूरी कर रहा है। इसके अलावा, सेंट्रलाइज्ड सिस्टम लागू करने से स्ट्रीट लाइटों की निगरानी और प्रबंधन बेहतर हो सकता है। प्रशासन को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि जनता के पैसों की बर्बादी रोकी जा सके और ऊर्जा संसाधनों का सही उपयोग हो सके।