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08-May-2025 05:56 PM
By First Bihar
Bihar Teacher News: बिहार के बक्सर जिले में शिक्षा विभाग से जुड़ी गंभीर अनियमितताओं पर जिला प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है। समीक्षात्मक बैठक के दौरान जब चौसा, ब्रह्मपुर और सिमरी के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों (BEO) से फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति और लगातार अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर स्पष्टीकरण मांगा गया, तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इस पर जिलाधिकारी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों BEO का वेतन तत्काल प्रभाव से रोकते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। यह बैठक सोमवार को हुई।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने उप विकास आयुक्त को लंबित नियोजन मामलों का शीघ्र निष्पादन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। साथ ही यह स्पष्ट किया गया कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर की गई है, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और अब तक मिले वेतन की वसूली भी की जाए। इससे पहले जिला शिक्षा विभाग की एक आंतरिक जांच में यह सामने आया था कि दर्जनों शिक्षक बिना वैध प्रमाणपत्रों के वर्षों से नौकरी कर रहे हैं।
जिला शिक्षा पदाधिकारी को टोला सेवकों तथा तालीमी मरकज की गतिविधियों की गहन जांच करने का निर्देश दिया गया है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि किसी भी स्तर पर अनियमितता पाए जाने पर संबंधित कर्मियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। अवैध रूप से संचालित हो रहे स्कूल वाहनों को लेकर भी प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि ऐसे सभी वाहनों की पहचान कर मोटर वाहन अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। जिले में दर्जनों स्कूल बसें बिना वैध परमिट और फिटनेस प्रमाणपत्र के बच्चों की ढुलाई कर रही थीं।
बैठक में एमपी उच्च विद्यालय, बक्सर को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने की योजना की समीक्षा की गई। इस दौरान विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा दी गई जानकारी असंतोषजनक पाए जाने पर उनसे भी स्पष्टीकरण तलब किया गया है। मॉडल स्कूल परियोजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (मध्याह्न भोजन) को एमपी हाई स्कूल का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्हें विद्यालय को विभागीय मानकों के अनुरूप विकसित करने की जिम्मेदारी दी गई है।
जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को चेतावनी दी कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना अब समय की मांग है। यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही या भ्रष्टाचार पाया गया, तो प्रशासन कठोर कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा। बक्सर में लगातार शिक्षा से जुड़े मामलों में घोटाले सामने आते रहे हैं, जिससे विभाग की साख पर गंभीर प्रश्न खड़े हो गए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इन आदेशों के बाद क्या वाकई ज़मीनी स्तर पर सुधार देखने को मिलता है या ये भी सिर्फ़ कागज़ी कार्रवाई तक सीमित रह जाते हैं।