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28-Mar-2025 11:28 AM
By First Bihar
Bihar News : तिलका मांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी (TMBU) और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के बीच 14 करोड़ रुपये के बकाया बिल को लेकर चल रही तकरार चरम पर पहुंच गई है। गुरुवार को बिजली विभाग ने यूनिवर्सिटी का कनेक्शन काट दिया, जिससे कैंपस अंधेरे में डूब गया। इस कार्रवाई से प्रशासनिक भवन, लाइब्रेरी और गेस्ट हाउस प्रभावित हुए, और छात्र-छात्राओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बिजली विभाग का दावा और कार्रवाई
नाथनगर बिजली सबडिवीजन के सहायक अभियंता स्वर्णिम कुमार ने बताया कि TMBU पर 14 करोड़ रुपये का बिल बकाया है, जो लगातार बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा, "विश्वविद्यालय प्रशासन को कई बार नोटिस दिया गया था। हमें बताया गया कि यूनिवर्सिटी का बैंक खाता फ्रिज है और बहाल होने पर भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन अब तक कोई भुगतान नहीं हुआ। बकाया वसूली जरूरी है, इसलिए कनेक्शन काटना पड़ा।" बिजली कटने से प्रशासनिक भवन पूरी रात अंधेरे में रहा, गार्ड्स को टॉर्च लेकर परिसर की निगरानी करनी पड़ी, और गेस्ट हाउस में ठहरने की स्थिति नहीं रही।
विश्वविद्यालय प्रशासन की नाराजगी
TMBU के कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने बिजली विभाग की कार्रवाई पर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने कहा, "बिना नोटिस और सूचना के बिजली कनेक्शन काट दिया गया। यह मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है, फिर भी बिजली कंपनी ने मनमाने ढंग से कार्रवाई की। यह गलत है।" कुलपति ने गुरुवार देर रात हाई कोर्ट के वकील से इस मुद्दे पर बात की और कानूनी कदम उठाने की बात कही।
छात्रों और कैंपस पर असर
बिजली कटौती का सबसे ज्यादा असर छात्र-छात्राओं पर पड़ रहा है। शुक्रवार से लाइब्रेरी में पढ़ाई करना मुश्किल हो गया है, क्योंकि बिना बिजली के न तो रोशनी है और न ही कंप्यूटर या अन्य सुविधाएं काम कर रही हैं। कैंपस में अंधेरा होने से सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ गई है। एक छात्र ने कहा, "परीक्षाएं नजदीक हैं, लेकिन लाइब्रेरी में पढ़ाई करना अब संभव नहीं। प्रशासन को जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करना चाहिए।"
बिहार में बिजली बकाया की व्यापक समस्या
यह पहली बार नहीं है जब बिहार में किसी संस्थान का बिजली कनेक्शन बकाया बिल के चलते काटा गया हो। हाल ही में उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने 6 से 9 मार्च 2025 तक मुजफ्फरपुर और दरभंगा में बकाया वसूली के लिए विशेष अभियान चलाया था, जिसमें बकायादारों के कनेक्शन काटे गए थे। बिहार में बिजली कंपनियों का दावा है कि सरकारी संस्थानों और बड़े उपभोक्ताओं से बकाया वसूली में भारी दिक्कतें आती हैं, जिससे उनके राजस्व पर असर पड़ता है।