नहाय खाय के दिन VIP में बड़ी टूट, उपाध्यक्ष रंजीत सहनी समेत कई नेता बीजेपी में शामिल, भाजपा अध्यक्ष बोले..विधायक से बड़ा पद हम इनको देंगे महापर्व पर बादशाह इंडस्ट्रीज ने छठ व्रतियों के बीच पूजन सामग्री का किया वितरण, मंत्री अशोक चौधरी भी रहे मौजूद बेतिया के योगापट्टी में लगी भीषण आग, सात घर जलकर राख Bihar Crime News: बिहार में पूर्व बीजेपी विधायक की कार से बियर बरामद, वाहन जांच के दौरान हुई कार्रवाई Bihar Crime News: बिहार में पूर्व बीजेपी विधायक की कार से बियर बरामद, वाहन जांच के दौरान हुई कार्रवाई Satish Shah Death: फेमस बॉलीवुड एक्टर सतीश शाह का निधन, फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर Satish Shah Death: फेमस बॉलीवुड एक्टर सतीश शाह का निधन, फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर Bihar News: बिहार में छठ घाट निर्माण के दौरान बड़ा हादसा, बागमती नदी में 5 लोग डूबे; तीन की मौत Bihar News: पढ़ाई-दवाई-सिंचाई-सप्लाई, अमित शाह ने चार सूत्रों पर दिया जोर, कहा- लालू-सोनिया परिवार की 2 पहचान भ्रष्टाचार और.... Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में दिखा प्रचार का अनोखा अंदाज, प्रत्याशी ने गले से पैर तक खुद को जंजीर से जकड़ा
14-Mar-2025 09:26 PM
By HARERAM DAS
Bihar News : बेगूसराय की सड़कों पर आज सुबह मौत दौड़ पड़ी। मोहनपुर के 75 साल के रामचंद्र सिंह चाय की चुस्की लेने के बाद घर को लौट रहे थे। SH-55 पर, पुस्तकालय के पास, इस दौरान वो सड़क पार कर ही रहे थे कि एक तेज रफ्तार बाइक ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी जिसकी वजह से अब वे इस दुनिया को अलविदा कह चुके।
इस बेहद दर्दनाक घटना के बाद उनके बेटे संजय ने बताया, “पापा मोहनपुर चौक से चाय पीकर आ रहे थे। राजौरा की ओर से आई बाइक ने टक्कर मार दी।” गाँव वाले दौड़े, उन्हें सदर अस्पताल ले गए, मगर उन्हें बचा नहीं पाए। रामचंद्र जी की सांसें थम गई थीं और वो चाय उनके जीवन की आखिरी चाय बन गई।
जबकि दूसरी ओर बाइक सवार, नीमा चंदपुरा का रामनंदन सदा, भी इस हादसे का शिकार बना। टक्कर इतनी जोरदार थी कि वो भी गंभीर रूप से घायल हो गया। सदर अस्पताल के ICU में उसकी जिंदगी अधर में लटकी है। डॉक्टर कहते हैं कि हालत अभी नाजुक है।
होली के इस प्यारे पर्व में रामचंद्र के घर में रंगों की बातें हो रही थीं। मगर अब वहाँ सिर्फ चीखें हैं। परिवार का हर कोना आंसुओं से भरा है। मुफस्सिल थाने की पुलिस मौके पर पहुंची, जांच शुरू की, घायल को अस्पताल भेजा। पर जो छूट गया, उसे कोई वापस नहीं ला सकता है।
बताते चले कि यह हादसा सिर्फ एक खबर नहीं है। ये उस तेजी की सजा है जो एक पल में सब छीन लेती है। सड़क पर पड़ी चप्पलें और गाँव की खामोशी आज बहुत कुछ कह रही हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि लोग इन घटनाओं के बावजूद सीख नहीं लेते हैं और आए दिन इसमें कई निर्दोष लोग अपने प्राण गवा देते हैं।