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Pausha Putra Ekadashi: पौष पुत्रदा एकादशी आज, संतान प्राप्ति और सुख-समृद्धि का विशेष व्रत

पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। यह व्रत संतान सुख, पापों के नाश और मोक्ष प्राप्ति के लिए किया जाता है। पौष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 10 Jan 2025 07:50:11 AM IST

Pausha Putra Ekadashi

Pausha Putra Ekadashi - फ़ोटो Pausha Putra Ekadashi

Pausha Putra Ekadashi: पौष पुत्रदा एकादशी हिंदू धर्म में एक अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे संतान सुख और परिवार की समृद्धि के लिए किया जाता है। इसे वैकुंठ एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। इस पावन व्रत का पालन करने वाले भक्तों को संतान सुख, धन-धान्य और जीवन में उन्नति का वरदान प्राप्त होता है।


व्रत और पूजा विधि

प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।

भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित कर पंचामृत, तुलसी, फल, फूल, धूप-दीप आदि से पूजन करें।

पुत्रदा एकादशी व्रत कथा का पाठ करें और विष्णु आरती करें।

रात्रि में जागरण करें और अगले दिन दान-पुण्य के साथ व्रत का पारण करें।


महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त

पुत्रदा एकादशी व्रत पारण का समय: 11 जनवरी, सुबह 7:15 बजे से 8:21 बजे तक।

पूजा का शुभ मुहूर्त: 10 जनवरी, सुबह 7:15 बजे से दोपहर 2:37 बजे तक।


ध्यान देने योग्य बातें

इस दिन सफेद वस्त्र पहनकर और इत्र लगाकर पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

काले वस्त्र पहनने और विष्णु भगवान को कटु पदार्थ अर्पित करने से बचें।

लक्ष्मी जी की पूजा से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।


पुत्रदा एकादशी का लाभ

पौष पुत्रदा एकादशी के व्रत से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत उन लोगों के लिए विशेष रूप से फलदायी है जो संतान सुख की कामना रखते हैं। इस व्रत से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने परिवार के सुख-समृद्धि के लिए यह व्रत पूर्ण श्रद्धा और विधि-विधान से करें।