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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 26 Aug 2025 02:12:23 PM IST
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Ganesh Chaturthi 2025: इस वर्ष गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन भगवान गणेश की आराधना और स्थापना का विशेष पर्व होता है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से गणपति बप्पा को घर, पंडाल या मंदिरों में स्थापित करने से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और सफलता का आगमन होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश जी की मूर्ति किस रंग की होनी चाहिए और स्थापना का सही तरीका क्या है?
वास्तु शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश जी की मूर्ति का रंग विशेष महत्व रखता है। सफेद रंग की गणेश प्रतिमा को घर में स्थापित करना बेहद शुभ माना जाता है। सफेद रंग शांति, शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। इसे घर में स्थापित करने से परिवार में प्रेम, सामंजस्य, सुख-समृद्धि और मानसिक शांति बनी रहती है। वहीं, सिंदूर रंग (गेरुआ या लाल रंग) की गणेश प्रतिमा उन लोगों के लिए उत्तम मानी जाती है जो आत्म-विकास, करियर में सफलता या किसी विशेष कार्य सिद्धि के उद्देश्य से पूजा करते हैं। यह रंग शक्ति, ऊर्जा और संकल्प का प्रतीक होता है, और माना जाता है कि इससे अनचाही इच्छाएं भी जल्दी पूरी होती हैं।
प्राकृतिक पत्थर से बनी गणेश प्रतिमाएं घर के वातावरण को स्थायित्व और संतुलन प्रदान करती हैं। इन्हें घर में स्थापित करने से वास्तु दोष दूर होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। घर में गणेश जी की केवल एक ही मूर्ति रखने की सलाह दी जाती है। वास्तु के अनुसार, एक से अधिक गणेश प्रतिमाएं रखने से घर में ऊर्जा का असंतुलन हो सकता है। इसलिए यदि घर में पहले से कोई प्रतिमा है, तो नई मूर्ति स्थापित करने से पहले पुरानी का विधिपूर्वक विसर्जन करें।
गणेश जी की स्थापना दोपहर के समय (मध्यान्ह काल) करना शुभ माना जाता है। स्थापना के लिए एक लकड़ी की चौकी लें और उस पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। चौकी पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें और उसके पास एक कलश भी स्थापित करें। दिनभर अगर संभव हो तो फलाहार या जलीय आहार ही ग्रहण करें, जिससे शरीर और मन दोनों शुद्ध रहें। सायंकाल के समय बप्पा की श्रद्धा एवं सामर्थ्य के अनुसार पूजा-अर्चना करें। पूजा में घी का दीपक जलाएं, दूर्वा, मोदक, लाल पुष्प, और गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ अवश्य करें।
गणेश चतुर्थी को विघ्नहर्ता और सिद्धिदाता भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व पूरे देश में विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और उत्तर भारत के राज्यों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन गणपति को घर बुलाने से जीवन में आने वाले सभी विघ्न दूर होते हैं और नई शुरुआतों में सफलता मिलती है।
इस गणेश चतुर्थी पर अगर आप अपने घर में बप्पा की स्थापना करने जा रहे हैं, तो मूर्ति के रंग और स्थापना की विधि को जरूर ध्यान में रखें। सही रंग की गणेश प्रतिमा और शुभ मुहूर्त में स्थापना से आपके जीवन में शुभता, शांति और समृद्धि बनी रहेगी। गणपति बप्पा मोरया!