Bihar Politics: कांग्रेस दफ्तर पर किसने लगा दिया BJP का झंडा? मच गया सियासी तूफान, आरोप–प्रत्यारोप का दौर जारी

Bihar Politics: खगड़िया के परबत्ता नगर पंचायत क्षेत्र में कांग्रेस दफ्तर पर भाजपा का झंडा लहराने से सियासी माहौल गरमा गया। दोनों दल आरोप-प्रत्यारोप में लगे हुए हैं और प्रशासन की जांच पर सबकी निगाहें टिकी हैं।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Mon, 29 Dec 2025 02:12:54 PM IST

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- फ़ोटो Reporter

Bihar Politics: बिहार के खगड़िया जिले के परबत्ता नगर पंचायत क्षेत्र में उस वक्त सियासी माहौल अचानक गरमा गया, जब कांग्रेस पार्टी के दफ्तर के ऊपर भारतीय जनता पार्टी का झंडा लहराता देखा गया। यह दृश्य सामने आते ही स्थानीय राजनीति में भूचाल आ गया और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जबरदस्त आक्रोश फैल गया। देखते ही देखते यह मामला जिलेभर में चर्चा का विषय बन गया और दोनों प्रमुख दल आमने-सामने आ गए।


कांग्रेस नेताओं ने इस घटना को पार्टी की गरिमा, लोकतांत्रिक मर्यादाओं और राजनीतिक शिष्टाचार पर सीधा हमला करार दिया है। कांग्रेस कार्यकारिणी प्रखंड अध्यक्ष प्रभाकर यादव ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यालय केवल एक इमारत नहीं, बल्कि लोकतंत्र, आजादी और संविधान की विचारधारा का प्रतीक है। उसके ऊपर किसी दूसरी पार्टी का झंडा लगना न केवल अपमानजनक है, बल्कि यह राजनीतिक उकसावे की पराकाष्ठा है। उन्होंने प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच कर दोषियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की मांग की।


युवा कांग्रेस नेता राजा गुप्ता ने भी घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे सोची-समझी साजिश बताया। उन्होंने कहा कि परबत्ता की राजनीति अब तक अपेक्षाकृत शांत रही है, लेकिन कुछ असामाजिक तत्व जानबूझकर ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, ताकि राजनीतिक दलों के बीच तनाव और टकराव की स्थिति उत्पन्न हो। राजा गुप्ता ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कांग्रेस पार्टी शांति और लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखती है, लेकिन पार्टी की अस्मिता और सम्मान से कोई खिलवाड़ करेगा, तो उसका विरोध मजबूती से किया जाएगा।


घटना की जानकारी मिलते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दफ्तर के बाहर एकत्र होकर विरोध जताया और प्रशासन से जवाबदेही की मांग की। कुछ समय के लिए इलाके में तनावपूर्ण माहौल बन गया, हालांकि स्थानीय लोगों और वरिष्ठ नेताओं की समझाइश के बाद स्थिति नियंत्रण में रही। कांग्रेस नेताओं ने आशंका जताई कि यदि समय रहते इस मामले की जांच नहीं हुई, तो भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई जा सकती हैं, जो कानून-व्यवस्था के लिए भी चुनौती बनेंगी।


वहीं दूसरी ओर भाजपा ने कांग्रेस के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। भाजपा प्रखंड अध्यक्ष जयंत कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस घटना से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है और पार्टी इस पूरे प्रकरण से पूरी तरह अनभिज्ञ है। उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता बेवजह भाजपा पर आरोप मढ़कर अपनी राजनीतिक विफलताओं और अंदरूनी कमजोरियों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। जयंत कुमार ने कहा कि भाजपा लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों में विश्वास रखने वाली पार्टी है और इस तरह की ओछी हरकतें उसकी कार्यशैली का हिस्सा नहीं हो सकतीं।


भाजपा नेताओं ने यह भी कहा कि इस घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आ सके और अफवाहों पर विराम लगे। उन्होंने आशंका जताई कि यह पूरा मामला किसी तीसरे पक्ष द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए रचा गया हो सकता है, जिसका उद्देश्य दोनों दलों के बीच अविश्वास और टकराव पैदा करना है। इस घटनाक्रम के बाद परबत्ता नगर पंचायत क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है। चाय दुकानों से लेकर चौक-चौराहों तक लोग इस अप्रत्याशित विवाद को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं। आम जनता के बीच यह सवाल सबसे ज्यादा उठ रहा है कि आखिर कांग्रेस दफ्तर पर भाजपा का झंडा किसने और क्यों लगाया? क्या इसके पीछे कोई गहरी साजिश है या यह महज शरारती तत्वों की करतूत?


फिलहाल पूरे मामले पर प्रशासन की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अब सबकी निगाहें प्रशासन की जांच और उसकी रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो इस सियासी रहस्य से पर्दा उठाएगी और यह तय करेगी कि दोषी कौन है। यह घटना न केवल परबत्ता की राजनीति के लिए, बल्कि जिले की कानून-व्यवस्था और राजनीतिक मर्यादाओं के लिए भी एक अहम परीक्षा बनकर सामने आई है।

रिपोर्ट- अनिश कुमार, खगड़िया