1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Tue, 30 Dec 2025 04:08:53 PM IST
बिहार में बंगले पर गरमाई सियासत - फ़ोटो Google
Bihar Politics: बिहार में राबड़ी आवास को खाली कराए जाने को लेकर सियासत जारी है। एक तरफ जहां जेडीयू और बीजेपी समेत अन्य सत्ताधारी दल आरजेडी और लालू परिवार पर हमले बोल रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ अब आरजेडी ने भी सरकार पर सवाल उठा दिया है।
दरअसल, बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग ने पूर्व सीएम और विधान परिषद में विरोधी दल की नेता राबड़ी देवी को 10 सर्कूलर रोड का सरकारी बंगला खाली करने का आदेश जारी किया है। इसके बदले विभाग की तरफ से राबड़ी देवी को नया आवास आवंटित किया गया है। इसको लेकर एनडीए में शामिल दल आरजेडी पर कई तरह से आरोप लगा रहे हैं।
अब आरजेडी ने जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय झा और जेडीयू सांसद देवेश चन्द्र ठाकुर के द्वारा सरकारी बंगला पर जबरन कब्जा जमाने का आरोप लगाया है और कहा है कि दोनों सांसदों को जब दिल्ली में आवास आवंटित किया गया है तो आखिर उन्होंने बिहार के सरकारी बंगला पर कब्जा क्यों जमा रखा है। आरजेडी ने भवन निर्माण विभाग को पत्र लिखा है और पूछा है कि रसूख का इस्तेमाल कर बंगलों पर काबिज रहना किस नियम के अन्तर्गत आता है?
आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने पत्र में लिखा, “उपर्युक्त विषय के आलोक में ध्यान आकृष्ट करते हुए सूचित करना है कि श्री देवेश चन्द्र ठाकुर, सदस्य लोकसभा, सीतामढ़ी एवं राज्यसभा सांसद श्री संजय झा जी का आवास दिल्ली में आवंटित है। आप स्वयं जानते हैं कि मंत्री एवं सभापति रहने के कारण बिहार सेंट्रल पुल का आवास आवंटित हुआ था, तब से लेकर अभी तक श्री देवेश चन्द्र ठाकुर एवं श्री संजय झा, उस आवास पर काबिज हैं।
भवन निर्माण विभाग को इस सन्दर्भ में अद्यतन स्थिति स्पष्ट नहीं किया है। आवास खाली नहीं कराया जाना और रसूख का इस्तेमाल कर बंगलो पर काबिज रहना किस नियम के अन्तर्गत आता है? क्या इस बंगले का दस गुणा अधिक भुगतान कर रहे हैं, या रसूख के बल पर? इस बंगले से दोनों सदस्यों का मोह का कारण क्या है? क्या बंगले के अन्दर तहखाना तो नहीं है, जिसको बचाए और खपाए जाने के कारण अभी तक बंगला में काबिज हैं?
श्री जीतन राम मांझी, केन्द्रीय मंत्री, भारत सरकार किस हैसियत से पटना सेंट्रल पुल के बंगला में रह रहे हैं, क्या उनके पुतोह को यह बंगला आवंटित किया जा सकता है? क्या सिनियरिटी इसकी इजाजत देती है? अतः अनुरोध है कि इस सन्दर्भ में वस्तुस्थिति स्पष्ट करना चाहेंगे तथा कब तक आवास खाली होगा इसकी तिथि बताना चाहेंगे और अभी तक रह रहे हैं उनसे कितना गुणा अधिक वसूली की गई है, वर्णित होना चाहिए? मुझे उम्मीद है कि पत्र को गंभीरता से लेंगे?”
रिपोर्ट- प्रिंस कुशवाहा, पटना