PATNA : राष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी दलों के उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा 15 जुलाई को पटना आएंगे। यशवंत सिन्हा 15 जुलाई को पटना पहुंचकर विपक्षी दल के सांसदों विधायकों और नेताओं से मुलाकात करेंगे। इसके लिए राष्ट्रीय जनता दल ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। आरजेडी के सभी विधायकों को तेजस्वी यादव ने 15 जुलाई के दिन पटना में रहने का निर्देश दिया है। इसके अलावा भी सभी विधायक पटना में मौजूद रहेंगे कोशिश यह होगी कि यशवंत सिन्हा के साथ एकजुटता दिखाई जाए और उनके पक्ष में आंकड़े नहीं होने के बावजूद बीजेपी उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ संघर्ष का बड़ा मैसेज दिया जाए। यशवंत सिन्हा के पटना दौरे को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोमवार को ही ऐलान कर दिया था कि हर हाल में उनकी पार्टी यशवंत सिन्हा के साथ खड़ी रहेगी। वाम दलों ने भी तेजस्वी यादव के साथ कमिटमेंट दिखाते हुए सिन्हा का साथ देने की बात कही थी लेकिन कांग्रेस इस मोर्चे पर तेजस्वी के साथ खड़ी नहीं है। बिहार कांग्रेस के नेता राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अलग से तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस से इस बात को लेकर राहत महसूस कर रही है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत का रास्ता आसानी से बना लिया है। अगर यह रास्ता मुश्किल होता या आंकड़े द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में नहीं होते तो बिहार कांग्रेस से के विधायकों की क्रॉस वोटिंग की संभावना बढ़ सकती थी। फिलहाल कांग्रेस बीजेपी के रिलैक्स होने से खुद राहत महसूस कर रही है।
यशवंत सिन्हा का हाल राष्ट्रपति चुनाव में क्या होगा इसे लेकर तेजस्वी यादव भी सच्चाई को समझ रहे हैं। शायद यही वजह रही कि तेजस्वी यादव ने सोमवार को यह तक कह दिया कि अगर द्रौपदी मुर्मू के नाम का ऐलान पहले हो गया रहता तो शायद आरजेडी का फैसला कुछ और होता। तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार का नाम देर से सामने लाया गया और हमने यशवंत सिन्हा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया था। तेजस्वी यादव ने कहा कि अब पीछे हटने का फैसला बदलने का सवाल पैदा नहीं होता।