PATNA: राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने आज दावा किया कि नीतीश कुमार राजद के साथ फिर आने को तैयार हैं. महागठबंधन में शामिल होने को लेकर राजद और जदयू के बीच बातचीत शुरू हो गयी है. राजद और जदयू एक हो गये तो भाजपा को उखाड़ फेकेंगे. रघुवंश प्रसाद सिंह के बयान के सवाल उठने लगा है कि राजद में सच कौन बोल रहा है-रघुवंश बाबू या राजद के राजकुमार तेजस्वी प्रसाद यादव. आखिरकार RJD में कौन सा खेल चल रहा है.
रघुवंश प्रसाद सिंह के दावे के मायने क्या हैं?
नीतीश कुमार को लेकर रघुवंश प्रसाद सिंह का बयान चौंकाने वाला है. मीडिया से बातचीत में आज रघुवंश सिंह ने दावा किया कि राजद-जदयू में बातचीत शुरू हो गयी है. अगर ये सच है तो बिहार की पूरी पॉलिटिक्स बदल सकती है. वैसे रघुवंश बाबू राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. लेकिन पार्टी में उनकी हैसियत नंबर दो की छोड़िये बल्कि नंबर चार-पांच की भी नहीं है. पार्टी के सारे फैसले लालू परिवार करता है बाद में उन्हें दूसरे नेताओं तक पहुंचा दिया जाता है. फिर रघुवंश कैसे ये दावा कर रहे हैं.
कौन सच बोल रहा है-तेजस्वी या रघुवंश
दरअसल राजद के राजकुमार तेजस्वी प्रसाद यादव इन दिनों लगातार नीतीश कुमार पर हमला कर रहे हैं. वे दावा कर रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में जनता नीतीश कुमार की हैसियत बता देगी. लेकिन दूसरी ओर उनकी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह नीतीश कुमार के साथ महागठबंधन बनाने का दावा कर रहे हैं. फिर सच कौन बोल रहा है-तेजस्वी या रघुवंश. जाहिर तौर पर राजद में फैसला करने वाला ही सही बोलेगा. फैसला लेने की ताकत लालू फैमिली के पास है. लिहाजा रघुवंश प्रसाद सिंह के बयान को सियासी हलके में गंभीरता से लेने वाले कम ही हैं.
कन्फ्यूजन पैदा करना चाहते हैं राजद नेता
हालांकि राजद की एक रणनीति NDA में कन्फ्यूजन पैदा करने की भी है. जदयू-भाजपा के संबंध इन दिनों सामान्य नहीं है. ये जगजाहिर बात है. राजद के नेता जानते हैं कि दोनों पार्टियां अगर एक साथ रहीं तो तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने का ख्वाब शायद ही पूरा हो सके. लिहाजा जदयू-भाजपा में भ्रम की स्थिति बनी रहे यही राजद के लिए बेहतर होगा. रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे नेता इसी रणनीति पर काम कर रहे हैं.