वोट से नहीं दुआ से प्रधानमंत्री बन जायेंगे नीतीश? बिहार के मंत्री ने अजमेर में नीतीश को PM बनाने के लिए दुआ मांगी

वोट से नहीं दुआ से प्रधानमंत्री बन जायेंगे नीतीश? बिहार के मंत्री ने अजमेर में नीतीश को PM बनाने के लिए दुआ मांगी

DESK: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने के लिए जेडीयू की बैठक में प्रस्ताव पारित कराने वाले नेता अब दुआ और प्रार्थना का भी सहारा लेने लगे हैं. बिहार सरकार में जेडीयू कोटे के एक मंत्री आज अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर पहुंच गये. वहां चादर चढायी और नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने की दुआ मांगी.


मंत्री जुमा खान की प्रार्थना

बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान आज अजमेर में ख़्वाजा गरीब नवाज की दरगापर जियारत करने पहुंचे. चादरपोशी के साथ उन्होंने दुआ मांगी. मंत्री ने खुद बताया कि उन्होंने दरगाह पर नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने की दुआ मांगी. मंत्री जमा खान ने कहा कि पूरा देश नीतीश कुमार के विकास मॉडल से प्रेरणा ले रहा है. देश में चारो ओर से ये मांग उठ रही है कि भारत की बागडोर नीतीश कुमार के हाथों में सौंपनी चाहिये. लोगों की भावना को देखते हुए ही उन्होंने ख्वाजा से अपने नेता नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री की कुर्सी दिलाने की दुआ मांगी है.


हम आपको बता दें कि बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान 2020 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर विधायक चुने गये थे. लेकिन चुनाव के तुरंत बाद उन्होंने दल बदल कर जेडीयू का दामन थाम लिया. इनाम में उन्हें मंत्री की कुर्सी मिली. जमा खान अब नीतीशभक्त हो चुके हैं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नीतीश कुमार बहुत मेहनत कर रहे हैं. उनके नेतृत्व में बिहार ने इतनी तरक्की की है कि पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है. ऐसे नेता को देश की बागडोर सौंपी जानी चाहिये.


गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में बकायदा ये प्रस्ताव पारित किया गया कि नीतीश कुमार पीएम मैटेरियल हैं. यानि प्रधानमंत्री पद के लिए योग्य दावेदार हैं. नीतीश कुमार की पार्टी के कई नेता ताबडतोड़ कह रहे हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री बनने के योग्य हैं. हालांकि बाद में नीतीश कुमार ने सफाई दी और कहा कि ये फालतू बात है. लेकिन दिलचस्प बात ये भी है कि जेडीयू की जिस बैठक में नीतीश को पीएम मैटेरियल बताने का प्रस्ताव पास किया गया उसमें खुद नीतीश भी मौजूद थे. उन्होंने उस प्रस्ताव का कोई विरोध नहीं किया था. वैसे बीजेपी की नाराजगी को देखते हुए बाद में सफाई देने का सिलसिला भी शुरू हुआ.