PATNA : बिहार में वित्त रहित शिक्षण संस्थानों को अनुदान मिलने में देरी का मामला आज एक बार फिर बिहार विधान परिषद में उठा. इस मामले को विधान परिषद में ध्यानाकर्षण के माध्यम से कांग्रेस के सदस्य मदन मोहन झा ने उठाया. कांग्रेस एमएलसी ने आरोप लगाया कि बिहार में शिक्षा विभाग के लिए तय की गई बजट राशि वापस लौट जा रही है लेकिन वित्त रहित शिक्षक संस्थानों को भुगतान नहीं किया जा रहा है.
इसके जवाब में सरकार की तरफ से शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जवाब दिया. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि जो राशि वित्तीय वर्ष में वापस लौटी है, उसे बिहार बोर्ड को वापस किया जाएगा और बोर्ड अपने नियमों के अनुकूल क्राइटेरिया फुलफिल करने वाले शिक्षण संस्थानों को अनुदान देगी.
वित्त रहित शिक्षण संस्थानों को सरकार की तरफ से पिछले 2 वर्षों से ज्यादा वक्त से भुगतान नहीं किया गया, यह आरोप सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई सदस्यों ने सदन में लगाया. सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने एक साथ सरकार को इस मसले पर जमकर घेरा. जेडीयू के संजीव सिंह और बीजेपी के नवल किशोर यादव ने भी सरकार से इस मामले में भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार उन जगहों पर भी मध्य विद्यालयों को उत्क्रमित कर रही है जहां पहले से अनुदान प्राप्त करने वाले शिक्षण संस्थान काम कर रहे हैं.