PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता की मुहिम में जुटे हुए हैं। इसी के तहत भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने के लिए राजधानी पटना में 23 जून को एक बड़ी बैठक होनी है। लेकिन अब जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके मुताबिक इस बैठक में मायावती की पार्टी शामिल नहीं होगी। मायावती के पार्टी ने साफ ऐलान कर दिया है कि वह किसी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे बल्कि अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे।
दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर वन टू वन फार्मूला अपनाने की बात कर रहे हैं। वह 2024 के चुनाव में मोदी के खिलाफ मात्र एक चेहरा उतारने की बात कर रहे हैं। लेकिन अब उनके इस मुहिम को लगातार झटका दिया जा रहा है पहले तेलंगाना के सीएम केसीआर ने इस बैठक में आने से मना कर दिया और अब मायावती की पार्टी ने भी विपक्षी एकता की महा बैठक से अपनी दूरी बना ली है। मायावती की पार्टी नहीं है साफ तौर पर कहा है कि वह अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। इतना ही नहीं उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर यह ऐलान किया है कि उनकी पार्टी 40 सीटों पर अकेले बिना कोई गठबंधन का चुनाव लड़ेगी।
बसपा ने कहा कि बिहार में सभी 40 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बैठक में केन्द्र से भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का भी संकल्प लिया गया। उन्होने कहा कि संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत बनाने की जरूरत है। लोकसभा चुनाव में हमलोग एकजुट होकर बहन मायावती के पक्ष में वोट करें और बहन मायावती को प्रधानमंत्री बनाएं।
आपको बता दें कि,23 जून को पटना में विपक्षी एकता की महाबैठक होगी। जिसमें राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव समेत कई दिग्गज शामिल होंगे। हाल ही में नीतीश कुमार ने लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी और विपक्षी एकता की रणनीति को लेकर चर्चा भी की थी। हालांकि इस दौरान बीएसपी सुप्रीमो मायावती से उनकी कोई मुलाकात नहीं हुई थी। और न ही कोई मायावती को न्यौता भेजा गया था। बीएसपी ने अभी तक लोकसभा चुनाव को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले है।