ब्रेकिंग न्यूज़

Cricket News: रोहित-विराट को देखने के लिए फैंस को करना होगा और इंतजार, इस सीरीज पर मंडराया खतरा BPSC Clerk: बीपीएससी क्लर्क भर्ती के लिए इस दिन से आवेदन प्रक्रिया शुरू, चूक मत जाना मौका Bihar Weather: 10 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, अगले 5 दिन बरतनी होगी विशेष सावधानी Bihar Land Registry New Rules: जमीन रजिस्ट्री के नए नियम आज से लागू, ये काम होंगे अनिवार्य Bihar News: सेना में भर्ती के नाम पर युवक से ठगी, नौकरी के चक्कर में गए लाखों ₹ गोवा महालक्ष्मी मंदिर में श्री विद्या कोटि कुमकुमार्चन महायज्ञ, 20 हज़ार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने प्रसाद किया ग्रहण Train News: राजगीर-किउल स्पेशल ट्रेन अब खगड़िया तक चलेगी, 30 जुलाई तक सप्ताह में तीन दिन होगा परिचालन Train News: राजगीर-किउल स्पेशल ट्रेन अब खगड़िया तक चलेगी, 30 जुलाई तक सप्ताह में तीन दिन होगा परिचालन PK ने संजय जायसवाल पर बोला हमला, कहा..अगर जन सुराज में अपराधी हैं, तो आपकी डबल इंजन की सरकार क्या कर रही है? Bihar News: बिहार के इन 6 हवाई अड्डा के विकास को मिलेगी रफ्तार, सरकार ने एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ किया करार

विपक्षी एकता के नायक का ये हाल! कर्नाटक शपथ ग्रहण में राहुल-प्रियंका के करीब नीतीश को जगह नहीं, कोने में तेजस्वी, पीछे बैठे ललन सिंह को ढूंढ़ना पड़ा

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 20 May 2023 04:55:09 PM IST

विपक्षी एकता के नायक का ये हाल! कर्नाटक शपथ ग्रहण में राहुल-प्रियंका के करीब नीतीश को जगह नहीं, कोने में तेजस्वी, पीछे बैठे ललन सिंह को ढूंढ़ना पड़ा

- फ़ोटो

DESK: कर्नाटक में आज कांग्रेस की नयी सरकार का गठन हो गया. नयी सरकार के शपथ ग्रहण के मौके पर विपक्षी एकता का प्रदर्शन किया गया. पूरे देश से भाजपा विरोधी पार्टियों के नेताओं को इस शपथ ग्रहण में बुलाया गया था. कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में देश की 10 पार्टियों के नेता पहुंचे. उन्हें मंच पर बिठाया गया. लेकिन देश भर में विपक्षी एकता की मुहिम छेडने वाले नीतीश कुमार ही नहीं बल्कि उनके डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को मंच पर जहां जगह मिली, उससे कई सवाल उठ रहे हैं.


वैसे कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार के शपथ ग्रहण के मौके पर छोटी-बड़ी 11 पार्टियों के नेता पहुंचे थे. इनमें एनसीपी के शरद पवार, डीएमके के एमके स्टालिन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूख अब्दुल्ला, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, जेडीयू के नीतीश कुमार और ललन सिंह, आरजेडी के तेजस्वी यादव, जेएमएम के हेमंत सोरेन, सीपीआई के डी राजा, सीपीएम के सीताराम येचुरी, एमके स्टालिन, मक्कल नीधि माईम के कमल हासन शामिल थे. वैसे इस शपथ ग्रहण समारोह से ममता बनर्जी की दूरी और अरविंद केजरीवाल, के. चंद्रशेखर राव जैसे नेताओं को न्योता ही नहीं दिये जाने से विपक्षी एकता के दावों पर पहले ही सवाल खड़ा हो गया. 


विपक्षी एकता के नायक को कहां मिली जगह?

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में आये विपक्षी पार्टियों के नेताओं को मंच पर बिठाया गया था. लेकिन विपक्षी एकता के नायक नीतीश कुमार और उनके साथ गये तेजस्वी यादव और ललन सिंह को वैसी अहमियत नहीं दी गयी, जैसा उनके समर्थक उम्मीद कर रहे थे. मंच पर नीतीश कुमार की कुर्सी राहुल और प्रियंका गांधी से काफी दूर थी. राहुल-प्रियंका के साथ ही कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बैठे थे. उनके ठीक बगल में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके के नेता एम.के. स्टालिन की कुर्सी थी. फिर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल बैठे. उनके बाद हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को जगह मिली और तब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए कुर्सी रखी गयी थी. यानि राहुल-प्रियंका से पांच कुर्सी दूर. 


मंच पर नीतीश से ज्यादा तवज्जो तमिलनाडु के सीएम एम.के. स्टालिन को मिली. उन्हें गांधी परिवार के ठीक बगल में बिठाया गया. कर्नाटक के शपथ ग्रहण समारोह में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी नीतीश से ज्यादा तवज्जो मिलता दिखा. मंच पर राहुल गांधी औऱ प्रियंका गांधी के दूसरी ओर बगल में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत बैठे और उनके बाद झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की ही कुर्सी लगी हुई थी. वैसे शपथ ग्रहण के बाद जब नेताओं का फोटो सेशन हुआ तो नीतीश कुमार मल्लिकार्जुन खरगे के बगल में जरूर पहुंच गये. उन्होंने खरगे के साथ हाथ उठा कर फोटो खिंचवायी.


तेजस्वी औऱ ललन सिंह कहां थे?

मंच पर नेताओं की अगली कतार में तेजस्वी यादव को जगह दी गयी थी लेकिन एकदम कोने में. वे लेफ्ट पार्टियों के नेता डी. राजा और सीताराम येचुरी के साथ बैठे थे. लेकिन सबसे दिलचस्प रहा जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को मिली जगह. पटना से नीतीश कुमार के साथ गये जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह मंच पर कहां बैठे हैं इसे जानने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. काफी कोशिश के बाद ललन सिंह दिखे. उन्हें पिछली कतार में जगह दी गयी थी. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पहली कतार में जगह नहीं मिली. दिलचस्प बात ये भी था कि मक्कल नीधि माईम जैसी छोटी पार्टियों के नेताओं के लिए मंच के अगले कतार में जगह रिजर्व थी. शपथ ग्रहण के बाद नेताओं का फोटो सेशन हुआ. उसमें भी ललन सिंह को हाथ उठा कर फोटो खिंचवाने का मौका नहीं दिया गया. 


कर्नाटक से शुरू हो गयी विपक्षी एकता?

इस सवाल का जवाब ढ़ूढ़ने के लिए 5 साल पहले यानि 2018 में कर्नाटक में ही हुए वाकये को याद करना होगा. 2018 में कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार बनी थी. तब जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उस समय भी देश भर के विपक्षी नेताओं को जुटाया गया था. अखिलेश यादव से लेकर मायावती, ममता बनर्जी, सीताराम येचुरी, शरद पवार, तेजस्वी यादव और अजीत सिंह जैसे तमाम नेता शपथ ग्रहण में पहुंचे थे. नौ महीने बाद 2019 का लोकसभा चुनाव होने वाला था. 2018 में कर्नाटक में विपक्षी एकता की तस्वीर से लगा कि सारी पार्टियां मिल कर बीजेपी का मुकाबला करेंगी. लेकिन न कोई विपक्षी एकता बनी और ना ही बीजेपी का कुछ बिगड़ा. भाजपा ने पहले से ज्यादा सीटें लाकर फिर केंद्र में सरकार बनाई थी.