PATNA: पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की बड़ी बैठक आयोजित होने जा रही है। पहले यह बैठक 11 जून को होने वाली थी लेकिन मीटिंग में कांग्रेस की तरफ से किसी बड़े नेता के शामिल नहीं होने के कारण बैठक को स्थगित कर दिया गया था, बाद में 23 जून की तिथि निर्धारित की गई। इसको लेकर बिहार में खूब सियासत भी हो रही है। इसी बीच जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने बड़ा दावा कर दिया है। ललन सिंह ने कहा है कि विपक्षी दलों की बैठक में 18 दलों के बड़े नेता शामिल होंगे।
जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि 23 जून को पटना मे होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत कुल 18 दलों के नेता शामिल होंगे। जेडीयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह के दौरान ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार पीएम पद के उम्मीदवार नहीं हैं बल्कि बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने में अहम भूमिका निभा रहें हैं। उन्होंने कहा है कि चुनाव परिणाम आने के बाद पीएम के उम्मीदवारी पर फैसला होगा। सभी दलों के नेता बैठकर इसपर निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि 23 जून को होनेवाली बैठक से बीजेपी में घबराहट है।
वहीं केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए ललन सिंह ने कहा कि केंद्र की सरकार लोगों को डराकर काम करना चाहती है। केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर सता का खेल किया जा रहा है। केंद्र की मोदी सरकार के ख़िलाफ़ में कोई मीडिया भी बोलना नहीं चाहता है। राहुल गांधी के सदस्यता जाने पर पांच दिन डिबेट होता है। देश में धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की जा रही है। उन्हें मालूम होने चाहिए कि धार्मिक उन्माद फैलाने से वोट नहीं मिलता है, कर्नाटक चुनाव परिणाम इसका उदाहरण है। पीएम मोदी को कर्नाटक की जनता ने नकार दिया और वे वहां चुनाव नहीं जीत पाए।