VIP ट्रीटमेंट के लिए एक महिला बन गईं फर्जी सांसद, खुद को एमपी बता पीएम मोदी को फोन करने की देने लगी धमकी

VIP ट्रीटमेंट के लिए एक महिला बन गईं फर्जी सांसद, खुद को एमपी बता पीएम मोदी को फोन करने की देने लगी धमकी

BHAGALPUR: भागलपुर रेलवे स्टेशन के वीआईपी वेटिंग रुम में ठहरने के लिए एक महिला फर्जी सांसद बन गयी। खुद को बांका सांसद बता इस महिला ने अधिकारियों को झांसा देकर वीआईपी वेटिंग रुम में ठहर गयी लेकिन अगले दिन उसका असली चेहरा सबके सामने जैसे आया वह वहां से गायब हो गयी। अधिकारियों को जब इसकी जानकारी हुई तो उनके होश उड़ गये। 


महिला अपना नाम आयशा खातून बता रही थी जो खुद को बांका की एमपी बताती रही थी। उसने बाकायदा आइकार्ड भी रेलवे के कर्मचारियों को दिखाया। आइकार्ड पर मेम्बर ऑफ पार्लियामेंट लिखा हुआ था। महिला ने यहां तक कह दिया कि उसे जेपी नड्डा और अमित शाह ने सांसद बनाया है। उसने बॉडी गार्ड के लिए भी डीएम को पत्र लिखा है। महिला की बात सुनकर कुछ देर के लिए रेलवे कर्मी भी सकते में आ गए।


महिला इस दौरान स्टेशन मास्टर के चेंबर में भी घुस गयी और पूरे रौब में रेलवे कर्मियों से सवाल-जवाब करने लगी। आयशा खातून ने रेलवे स्टेशन के वीआइपी रूम में रातभर डेरा डाला। लेकिन सभी को संदेह था कि वह सांसद नहीं हो सकती क्योंकि बांका के सांसद तो गिरिधारी यादव हैं। महिला ने माहौल ऐसा बनाया कि उसकी बातों पर विश्वास करना पड़ा।


उसकी बातों पर विश्वास करते हुए रेलकर्मियों ने वीआइपी रूम को खोल दिया। क्योंकि वह महिला वीआइपी रूम नहीं देने पर सीधे प्रधानमंत्री को फोन लगाने की धमकी दे रही थीं। बाद में स्टेशन मास्टर ने आरपीएफ इंस्पेक्टर और एसीएम को इस बात की सूचना दी। लेकिन इसकी जांच के लिए कोई नहीं आया। फिलहाल महिला को वीआइपी रूम में रहने दे दिया गया। यह मामला रेलकर्मियों की कम जानकारी और सुरक्षा पर भी बड़ा सवाल है। महिला झूठा परिचय देकर रेलवे संसाधनों का उपयोग कर रही थी। इस मामले में रेल पुलिस की भी लापरवाही सामने आयी है। वीआइपी रूम में यदि कोई खुद को सांसद बताकर रातभर रहे तो इसे बड़ी चूक कहने से गुरेज नहीं किया जा सकता। 


अगले दिन महिला को वीआईपी रूम उपलब्ध नहीं कराया गया। इस पूरे मामले पर आरपीएफ इंस्पेक्टर रणधीर कुमार ने बताया कि इस बात की सूचना उन्हें मिली थी लेकिन बाद में मामला शांत हो गया था इसलिए आरपीएफ ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने इस मामले पर कहा कि इसमे गलती स्टेशन मास्टर की है वीआईपी रुम में आने वाले हर एक व्यक्ति की जांच होनी चाहिए। बिना पूरी जानकारी लिए किसी को भी रुम नहीं दिया जा सकता। 


वही इस मामले पर स्टेशन मास्टर विक्रम सिंह का कहना है कि रेलवे प्रशासन को संदेह होने पर इसकी सूचना रेल विभाग के वरीय पदाधिकारियों को दी गई थी। पदाधिकारियों के निर्देश पर महिला से पूछताछ की गई और फिर उसे स्टेशन से बाहर कर दिया गया। सुबह तक महिला स्टेशन पर ही नजर आई। महिला किस ट्रेन से भागलपुर पहुंची थी और वह कहा गई इस बात की जानकारी किसी को नहीं है।