पत्नी बोली.. विकास दुबे था जिद्दी, बच्चे गुंडा न बने इसलिए छोड़ दिया था साथ

पत्नी बोली.. विकास दुबे था जिद्दी, बच्चे गुंडा न बने इसलिए छोड़ दिया था साथ

KANPUR:  गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद पहली बार विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे ने मीडिया से खुलकर बात की है. इस दौरान कई खुलासे किए हैं. ऋचा ने कहा कि विकास दुबे बहुत की जिद्दी इंसान था. वह अपने जिद के आगे किसी की नहीं सुनता था. मैंने कई बार उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन वह मुझे प्रताड़ित करना था. वह अपराध की दुनिया से निकलना नहीं चाहता था. 

बच्चे गुंडा न बने इस लिए छोड़ दिया साथ

ऋचा दुबे ने कहा कि मेरे एक गुरू थे कहते है कि जिस तरह का पेड़ का परवरिश होगा उसकी तरह से वह होगा. जिसके बाद मैंने मन में ठान लिया कि मैं अपने दोनों बेटों को विकास के रास्ते पर नहीं चलने दूंगी. क्योंकि कहा गया है कि गुंडा का बेटा गुंडा होता है. जब बच्चे बड़े होने लगे तो मैं विकास के साथ छोड़ अमने मायके आ गई. लेकिन वह अधिक दूर नहीं था. बच्चे सुबह जाते और शाम को वह आ जाते थे. माहौल वहीं रह जाता था.

शादी के दो साल के बाद पति का गांव छोड़ दिया

ऋचा ने कहा कि 1996 में उसकी विकास दुबे के साथ शादी हुई थी. उसके बाद वह 1998 में बिकरू गांव छोड़ दी. वह अपने बच्चों को लेकर मायके आ गई. मायके में मां के साथ वह सात साल तक रही. ऋचा ने कहा कि वह मायके में कब तक रहती. उसके बाद उसने विकास से कहा कि बच्चे बड़े हो गए हैं उसके लिए उनको पढ़ाई के लिए लखनऊ में व्यवस्था करना होगा. उसके बाद वह लखनऊ में छोटे से मकान में रहने लगी. विकास दुबे भी चाहते थे कि बेटे मेरे जैसे नहीं बने. इसलिए वह पढ़ाई के लिए जितना पैसा लगता था वह देते थे. एक बेटा मास्को से एमबीबीएस किया है. छोटा  बेटा 91 प्रतिशत के साथ इंटर में पास हुआ है. विकास के रास्ते से अपने बेटों को अलग रखने में मैं सफल हो गई.