विदेश घूमने गयी बिहार की महिला IAS अधिकारी, पद छोड़ने की उड़ा दी गयी अफवाह: प्रशासनिक अमले में मची रही अफरातफरी

विदेश घूमने गयी बिहार की महिला IAS अधिकारी, पद छोड़ने की उड़ा दी गयी अफवाह: प्रशासनिक अमले में मची रही अफरातफरी

PATNA: बिहार के सियासी और प्रशासनिक गलियारे में आज तब अफरातफरी मच गयी जब एक बहुचर्चित महिला आईएएस अधिकारी की नाराजगी और पद छोड़ने की खबर उड़ा दी गयी। एक मीडिया हाउस ने खबर चलायी कि महिला अधिकारी ने खुद से विभागीय सचिव का पद छोड़ दिया है। इसके बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। भाजपा के नेता सरकार पर निशाना साधने मैदान में उतर पड़े। हकीकत ये है कि महिला अधिकारी सरकार की मंजूरी लेकर विदेश घूम रही है।


वंदना प्रेयसी के पद छोड़ने की खबर उड़ी

मामला बिहार सरकार के सहकारिता विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी से जुड़ा है. वंदना प्रेयसी बहुचर्चित औऱ कड़क अधिकारी मानी जाती हैं. शुक्रवार की दोपहर एक मीडिया हाउस ने खबर चलायी कि वंदना प्रेयसी ने सहकारिता विभाग के सचिव का पद खुद छोड दिया है. खबर के साथ एक पत्र भी दिखाया गया जिसमें वंदना प्रेयसी ने खुद पद छोडने की बात लिखी थी।


खबर फैली तो भाजपा नेता भी मैदान में उतर पडे. बीजेपी नेता विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी से वंदना प्रेयसी के पद छोड़ने को लेकर सवाल पूछे गये. दोनों नेता हमलावर हो गये. उन्होंने कहा कि वंदना प्रेयसी जैसी कुशल ऑफिसर के पद छोडने से ये साफ हो गया है कि नीतीश सरकार कैसे काम कर रही है. अब आईएएस अधिकारी भी यहां काम नहीं करना चाहते. उधर बिहार के प्रशासनिक हलके में भी तरह-तरह की चर्चायें होने लगीं।


असल मामला तो ये है

अब हम आपको बता दें कि असल मामला क्या है. वंदना प्रेयसी ने जिस पत्र मंर स्वतः कार्यभार से मुक्त होने की बात लिखी है, उसी पत्र में बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के एक पत्र का हवाला भी दिया है. उससे ही ये साफ हो जाता है कि वंदना प्रेयसी सरकार से अनुमति लेकर गयी हैं।


विदेश में हैं वंदना प्रेयसी

बिहार के सहकारिता  विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी फिलहाल विदेश में हैं. बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने पिछले 13 सितंबर को ही अपनी अधिसूचना संख्या-16546 द्वारा विदेश जाने की अनुमति दी थी. दरअसल वंदना प्रेयसी ने राज्य सरकार ने अपने निजी खर्च पर 26 सितंबर से 9 अक्टूबर तक उजबेकिस्तान औऱ जॉर्जिया जाने की अनुमति मांगी थी. उनके आवेदन को स्वीकृत करते हुए सरकार ने उन्हें छुट्टी पर जाने की अनुमति दी थी. उनकी छुट्टी की अवधि में बिहार के श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी को सहकारिता विभाग का काम देखने के लिए प्रभार दिया गया था. अरविंद चौधरी फिलहाल सहकारिता विभाग का काम देख भी रहे हैं।