उत्पाद विभाग के कर्मियों की संपत्ति जांच का मामला सदन में गूंजा, मद्य निषेध के एसपी के आदेश पर घिरी सरकार

उत्पाद विभाग के कर्मियों की संपत्ति जांच का मामला सदन में गूंजा, मद्य निषेध के एसपी के आदेश पर घिरी सरकार

PATNA : पिछले दिनों बिहार के मध्य निषेध एस पी रहे राकेश कुमार की तरफ से उत्पाद विभाग के कर्मियों की संपत्ति जांच को लेकर दिशा निर्देश जारी किए जाने के मामले में आज नीतीश सरकार सदन में घिर गई. विधानसभा में आरजेडी के विधायक ललित यादव ने मद्य निषेध एसपी के तरफ से दिए गए आदेश और उस को निरस्त करने के लिए पुलिस मुख्यालय की तरफ से जारी किए गए आदेश को लेकर सवाल किया. 


इसके जवाब में सरकार की तरफ से प्रभारी मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि चूंकि मद्य निषेध एसपी ने किसी स्पेसिफिक मामले की जानकारी नहीं दी थी इसलिए इस आदेश को निरस्त किया गया. सरकार के जवाब पर असंतोष जताते हुए आरजेडी विधायक ने कहा कि क्या उत्पाद विभाग के कर्मियों की संपत्ति जांच नहीं कराई जा सकती. सरकार ने इस सवाल के जवाब में कहा कि अगर किसी व्यक्ति विशेष या फिर स्पेसिफिक मामले को लेकर संपत्ति जांच की मांग उठती है तो सरकार उसे कराती है लेकिन एसपी मद्य निषेध की तरफ से जो आदेश दिया गया था वह ठीक नहीं होने के कारण इसे रद्द किया गया.


आपको बताते हैं कि पिछले दिनों राज्य के मद्य निषेध एसपी ने एक आदेश जारी करते हुए सभी जिलों के एसएसपी-एसपी समेत अन्य पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वह उत्पाद विभाग से जुड़े कर्मियों की संपत्ति जांच करें. मद्य निषेध एसपी ने आशंका जताई थी कि शराब माफिया के साथ मिलीभगत कर उत्पाद विभाग के कई अधिकारी काम कर रहे हैं.


मद्य एसएसपी ने अपने पत्र में यह भी कहा था कि उत्पाद विभाग के पदाधिकारियों और कर्मियों के रिश्तेदारों परिवार वालों का मोबाइल लोकेशन और शराब की तस्करी में जुटे लोगों के मोबाइल लोकेशन कि अगर जांच कराई जाए तो वह काफी बड़े राज्य का खुलासा हो सकता है.