Bihar News: बिहार के इन जिलों में इंडस्ट्रियल हब का निर्माण, रोजगार की आने वाली है बाढ़.. Bihar News: बिहार के इन जिलों में एयरपोर्ट का निर्माण, गया हवाई अड्डे को बनाया जाएगा इस मामले में खास.. ISM पटना में व्याख्यान का आयोजन: इसके माध्यम से युवाओं को मिला लैंगिक संवेदनशीलता का संदेश Bihar Cabinet Meeting: नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला...इस विभाग में 459 लिपिक की होगी बहाली..इन आंदोलनकारियों की पेंशन राशि में भारी वृद्धि अररिया में लूट की कोशिश नाकाम: एक्सीडेंट में घायल हुए दो बदमाश, ग्रामीणों ने हथियार के साथ पकड़ा Bihar Education News: 1st Bihar की खबर का बड़ा असर, भ्रष्टाचार में लिप्त A.E. की सेवा होगी समाप्त.. शिक्षा विभाग को भेजा गया प्रस्ताव, करप्शन की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी Patna News: पटना में स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, ड्रोन से होगी निगरानी Patna News: पटना में गंदगी फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई, इस दिन से अभियान शुरू Janmashtami 2025: जन्माष्टमी पर क्यों तोड़ी जाती है दही हांडी? जानिए... इस परंपरा का इतिहास और महत्व Bihar News: बिहार में मिला इतने हजार करोड़ का खनिज, खजाने की ई-नीलामी की तैयारी में जुटी केंद्र सरकार
1st Bihar Published by: Updated Fri, 03 Dec 2021 03:25:26 PM IST
- फ़ोटो
DESK : इस वक्त एक बड़ी खबर आ रही है जहां UPTET पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपी खुद को बिहार BJP विधायक का भाई बता रहा है. बता दें आरएसएम फिनसर्व कंपनी का डायरेक्टर राय अनूप प्रसाद पूछताछ के दौरान खुद को बिहार के नरकटियागंज से बीजेपी विधायक रश्मि वर्मा का भाई बता रहा था.
इस मामले में अब एसटीएफ इस एंगल की भी जांच में लग गई है कि कहीं पेपर लीक का कोई पॉलिटिकल कनेक्शन तो नहीं है. यह भी बताया जा रहा है कि राय अनूप प्रसाद मूल रूप से गोरखपुर का रहने वाला है. वहीं अब एसटीएफ परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय और राय अनूप प्रसाद के बीच कनेक्शन का लिंक भी तलाश रही है.
बता दें अबतक की जांच से साफ हो गया है कि एक साजिश के तहत 26 अक्टूबर को आरएसएम फिनसर्व नाम की कंपनी को पेपर प्रिंट कराने का ठेका दिया गया या फिर दिलाया गया. जिसके पास सही तरीके से पेपर प्रिंट करने का इंतजाम तक नहीं था. जहां साजिश रचने वालों को ये मालूम था कि फिनसर्व के पास सही तरीके से पेपर छापने का इंतजाम नहीं है और ये पेपर कुछ छोटी और असुरक्षित प्रेस में छपेंगे. पेपर लीक कराने वाले सिंडिकेट से जुड़े लोग ऐसी छोटी और असुरक्षित प्रेसों पर मौजूद थे. पेपर इन प्रेसों में छपा और यहीं से पेपर बेचने वालों के हाथ लग गया.