PATNA : शिक्षक और सिपाही बहाली में फर्जीवाड़ा की बहुत सारी खबरें सामने आती है. अब विश्वविद्यालयों के लिए सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया में भी दो जाली सर्टिफिकेट मिले हैं. दरअसल, अंगिका और भोजपुरी विषय में आवेदन करने वाली दो महिला अभ्यर्थियों ने अपने मास्टर डिग्री के दस्तावेज उत्तर प्रदेश के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से जुड़े प्रस्तुत किये थे.
आयोग के जांच अफसरों को शक हुआ कि अंगिका और भोजपुरी विषय की डिग्री चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में चल भी रहा है या नहीं? आयोग ने विश्वविद्यालय प्रशासन से पूछा तो वहां से लिखित जानकारी मिली की अंगिका और भोजपुरी विषय में हमारे यहां कोर्स ही नहीं है. इसके बाद आयोग ने दोनों अभ्यर्थियों को नोटिस भेज कर स्पष्टीकरण मांगा कि वह अपना पक्ष रखें.
पंद्रह दिन गुजरने के बाद भी जवाब नहीं आया तो आयोग ने मंगलवार को अपने प्रतिनिधि डिप्टी सचिव के जरिये दोनों अभ्यर्थियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी. बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के उप सचिव डॉ. अशोक कुमार ने रश्मि कुमारी व रिमझिम कुमारी पर पटना के कोतवाली थाने में मंगलवार को केस दर्ज करवाया. राघवेंद्र कुमार की बेटी रिमझिम व रश्मि सुपौल के वीरपुर थाना क्षेत्र के बसंतपुर वार्ड नंबर 11 की हैं. दोनों सगी बहनें हैं.
दरअसल, राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने 21 सितंबर 2020 को अंगिका में सहायक प्राध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला था. दोनों बहनों पर आरोप है कि बहाली के लिए अंगिका विषय में स्नातक और स्नातकोत्तर की शैक्षणिक अर्हता का जाली प्रमाणपत्र दे दिया. यह प्रमाणपत्र यूपी के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ का है. एफआईआर दर्ज होने के बाद कोतवाली थानेदार सुनील कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में रश्मि कुमारी व रिमझिम कुमारी के अभिभावक से भी पूछताछ की जायेगी. जांच को पुलिस सुपौल जायेगी. वहां दोनों बहनों से पूछताछ होगी. जरूरत पड़ने पर पुलिस मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय जा सकती है.