PATNA : लॉकडाउन के दौरान बिहार पुलिस को यूपी के एक ड्राइवर को गिरफ्तार करना महंगा पड़ गया. मंगलवार को उस मामले की सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ड्राइवर जितेंद्र कुमार को बतौर मुआवजा पांच लाख रुपये देने का निर्देश दिया है.
सुमित कुमार की याचिका पर चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई पूरी करने के बाद 18 सितंबर, 2020 को फैसला सुरक्षित रखा था. जिसके बाद याचिका को निष्पादित करते हुए चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ ने आज पांच लाख जुर्माना देने का फैसला सुनाया.
सारण पुलिस ने यूपी के बस्ती के रहने वाले ड्राइवर जितेंद्र कुमार को बिना एफआईआर दर्ज किए ही गिरफ्तार कर लिया था. ड्राइवर का कोई अतापता नहीं होने पर 15 मई को ईमेल के जरिये यह याचिका पटना हाईकोर्ट को भेजी गई. हाईकोर्ट को हैरानी इस बात की हुई कि 29 अप्रैल, 2020 के पहले जिस गिरफ्तारी की पुष्टि सारण पुलिस ने की उस मामले में प्राथमिकी 3 जून को दर्ज किया गया. कोर्ट ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को दोषी पुलसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने का निर्देश दिया, साथ ही डीजीपी, बिहार को भी इस संबंध में दिशा निर्देशों को हर थाने में रखे जाने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट के इस आदेश के साथ ही कोर्ट ने इस मामले को निष्पादित कर दिया.