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1st Bihar Published by: Updated Thu, 21 Jul 2022 01:43:17 PM IST
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DESK: यह जानकार आपकों हैरानी होगी कि उत्तर प्रदेश और बिहार में सबसे ज्यादा गरीबी है। हर 10 में से 3 लोग बेहद गरीब हैं। बात शहरी क्षेत्र की करते हैं जहां लोग 32 रुपये भी खर्च नहीं कर पाते हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्र के लोग 26 रुपये भी खर्च नहीं कर पाते हैं। यह आंकड़ा सरकार ने लोकसभा में पेश किया है।
इन आंकड़ों के मुताबिक देश में 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे आते हैं। आजादी के वक्त यह आंकड़ा 25 करोड़ था। गरीबी रेखा से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने लोकसभा में यह आंकड़ा पेश किया। सरकार ने इस दौरान गरीबी रेखा की परिभाषा भी दी। आंकड़ों के अनुसार गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाली सबसे अधिक आबादी छत्तीसगढ़ की है।
छत्तीसगढ़ में 40 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे हैं। वही बिहार, झारखंड, ओडिशा , असम, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर में 30 प्रतिशत से ज्यादा आबादी गरीबी रेखा के नीचे है। इन राज्यों में हर 10 में 3 लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। लोकसभा में जो आंकड़े सरकार ने पेश किए वो तेंदुलकर कमिटी के फार्मूले से निकाला गया था।
तेंदुलकर कमिटी की रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग यदि हर दिन 26 रुपये और महीने के 816रुपये जबकि शहरी क्षेत्र में रहने वाले हर दिन 32 रुपये और महीने के 1000 रुपये खर्च करता हैं तो उन्हें गरीबी रेखा से नीचे नहीं माना जाएगा। सररकार के इस रिपोर्ट पर जमकर बवाल हुआ था।
जिसके बाद रंगराजन कमिटी बनायी गयी थी। इस कमिटी ने यह सुझाव दिया था कि यदि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाला व्यक्ति हर महीने 972 और शहरी क्षेत्र में रहने वाला व्यक्ति हर महीने 1407 रुपये खर्च करता है तो उसे गरीबी रेखा से ऊपर माना जाए। बता दें कि आजादी से पहले तीन बार भारत की गरीबी रेखा की परिभाषा तय की गयी थी।