PATNA : बिहार में वैक्सीनेशन अभियान तो जोरों शोरों से चल रहा है लेकिन इसमें लापरवाही के भी कई मामले सामने आ रही है. जानकारी हो कि राज्य में फिलहाल दो तरह की वैक्सीन लगायी जा रही हैं. पहली कोवैक्सीन और दूसरी कोविशील्ड. कुछ मामलों में देखा गया है कि जिन लोगों ने कोवैक्सीन ली है, उन्हें कोविशील्ड का सर्टिफिकेट दे दिया गया. ऐसे ही मामले पटना से सटे मनेर के नयका टोला हल्दी छपरा गांव में बने उत्क्रमित मध्य विद्यालय सेंटर में सामने आये. यहां दर्जनों लोगों को गलत सर्टिफिकेट दे दिया गया.
कोवैक्सीन का टीका लेने वाले लोगों ने जब कोविन पोर्टल से सर्टिफिकेट डाउनलोड किया, तो उन्हें कोविशिल्ड लगाये जाने का सर्टिफिकेट मिला. कई सर्टिफिकेट पर टीका लेने की तारीख बदल जाने के साथ-साथ कोविड सेंटर का पता भी गलत है. ऐसे में वैक्सीन लेने वाले लोग सेंटर का चक्कर काट रहे हैं.
पहला मामला मनेर हल्दी छपरा के प्रशांत कुमार का है जिनकी वेनिफिशरी आइडी ( 597115451650) है. उन्होंने बताया कि मैं और मेरी पत्नी, भाई, मां परिवार के अन्य चार लोगों ने 21 जून को हल्दी छपरा के कोविड टीका केन्द्र पर कोवैक्सीन का पहला टीका लिया. पोर्टल से सर्टिफिकेट डाउनलोड किया, तो सभी के सर्टिफिकेट पर कोविशील्ड का टीका लगने की सूचना अंकित है. केन्द्र का पता भी बदला हुआ है. उत्क्रमित मध्य विद्यालय नयका टोला हल्दी छपरा के स्थान पर मनेर पीएचसी फिक्स्ड साइट का पता दिया गया है.
दूसरा मामला कन्हैया कुमार सिंह का है. इनका वेनिफिशरी आइडी (5976099043720 ) है. कन्हैया ने बताया कि उन्होंने संबंधित केंद्र पर 21 जून को कोवैक्सीन का पहला टिका लिया था. उनके सर्टिफिकेट पर भी कोविशिल्ड अंकित है. 21 जून की जगह तरीख 22 जून लिखी है. उन्होंने बताया कि सेंटर पर वैक्सीन लेने वाले करीब एक दर्जन से अधिक लोगों के साथ ऐसा हुआ है.
इसको लेकर जब मनेर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ज्ञान रतन से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि गलत सर्टिफिकेट देने का मामला उनके पास भी आया है. करीब एक दर्जन लोगों ने शिकायत की है. उन्होंने बताया कि टीका केन्द्र पर वैक्सीनेशन का डेटा अपलोड नहीं होता है. हो सकता है कि कंप्यूटर में इंट्री करने में कोई गड़बड़ी हुई हो. सभी को मनेर बुलाया गया है.