ARARIYA : बिहार में सातों चरण में लोकसभा का चुनाव होना है। ऐसे में पहले चरण का मतदान चार लोकसभा सीटों पर आगामी 19 अप्रैल को होगा। लेकिन इस चुनाव के बीच महागठबंधन के अंदर बगावत के सुर भी फूटने लगे हैं। यहां एक तरफ मुस्लिम समुदाय के नेता नाराज नजर आ रहे हैं तो दूसरी तरफ बेटिकट होने के बाद पूर्व सांसद फुट-फुटकर रोते नजर आ रहे हैं।
दरअसल, अररिया में लालू की पार्टी आरजेडी के पूर्व सांसद सरफराज आलम मंच पर समर्थकों को संबोधित करते हुए भावुक हो गए और फूट-फूटकर रोने लगे। जिसके बाद वहां मौजूद उनके समर्थकों ने उन्हें संभाला। हालांकि सरफराज आलम अपने पिता और पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री तस्लीमुद्दीन को याद करते हुए सरफराज की आंखें नम हो गई और आंखों से आंसू निकल पड़े। इस दौरान उन्होने लालू यादव और तेजस्वी पर अपना भड़ास निकाला। अररिया से राजद ने सरफराज आलम के छोटे भाई शाहनवाज आलम को अपना प्रत्याशी बनाया है।
आरजेडी के पूर्व सांसद सरफराज आलम के रोने का वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें वह मंच पर रोते हुए दिख रहे हैं। वहां आसपास खड़े लोग और उनके समर्थक उनके आंसू पोंछ रहे हैं और उन्हें शांत करा रहे हैं। सरफराज आलम पर अररिया समेत कई जिलों में आपराधिक मुकदमे भी दर्ज हैं। सरफराज आलम ने लालू यादव पर टिकट बेचने का भी आरोप लगाया। उन्होंने खुद को तस्लीमुद्दीन का उत्तराधिकारी बताते हुए राजद की ओर से छपने की बात करते हुए रो उठा।
उन्होंने कहा कि बिहार खासकर सीमांचल का मुसलमान राजद का बंधुआ मजदूर नहीं है। राजद ने मुसलमानो का हमेशा वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है। पूर्व सांसद सरफराज आलम के द्वारा ईद मिलन सह कार्यकर्ता समारोह का आयोजन किया गया था। पूर्व सांसद सरफराज आलम ने कहा कि वर्तमान राजद प्रत्याशी अनुकंपा वाले नेता हैं। उन्होंने कहा की सरफराज आलम सीमांचल के गांधी तस्लीमउद्दीन का पुत्र है। जिसके डीएनए में चापलूसी और जी हजूरी नही है।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के हिटलरशाही को सीमांचल के मुसलमान बर्दाश्त नही करेंगे। उन्होंने पूरे बिहार में पहले सिर्फ अपने परिवार को टिकट दिया और बाकी जगहों पर टिकट बेचने का काम किया है। मेरे साथ राजद ने सिर्फ धोखा ही नही किया है बल्कि पीठ में छुरा घोपने का काम किया है। सरफराज ने कहा कि राजद ईडी और सीबीआई के भय से भाजपा की बी टीम बनकर काम कर रही है। सरफराज आलम ने कहा कि मेरे लहजे में जी हजूरी नही है। इससे ज्यादा मेरा कुसूर क्या था? उन्होंने कहा कि जमीर बेचकर मैं राजनीति नहीं करता।