ठाकुर विवाद में आनंद मोहन के आरोप पर भड़के पूर्व MLC, कहा - ब्राह्मण के खिलाफ बोलने पर काट लेंगे उंगली और जीभ

ठाकुर विवाद में आनंद मोहन के आरोप पर भड़के पूर्व MLC, कहा - ब्राह्मण के खिलाफ बोलने पर काट लेंगे उंगली और जीभ

SIWAN : कभी गोपालगंज और सिवान जाकर चुनाव लड़ लीजिए आपको आपकी औकात पता चल जाएगा। ब्राह्मणों पर बोलना बंद करें आपके लिए अच्छा रहेगा। ब्राह्मण यदि राजा बनाना जानता है तो रंक भी बनाना जानता है। यह बात अच्छी तरह समझ लें। ब्राह्मण के खिलाफ बोलिएगा तो फिर उंगली और जीभ काट दिया जाएगा। यह बात है भाजपा के पूर्व विधान पार्षद टुन्ना जी पांडेय ने कही है। 


भाजपा के पूर्व विधान पार्षद टुन्ना जी पांडेय ने कहा कि - मनोज झा ने जो कविता पढ़ी है उसमें उनकी क्या गलती है। सदन में उन्होंने कविता पढ़ी है और इस कविता के शीर्षक का नाम है ठाकुर का कुआं। यदि  ब्राह्मणवाद हटाओ कोई कविता है तो पढ़िए आप। आपका में गुस्सा है कि लालू जी ने आपसे मुलाकात नहीं किया। तो इसमें हम ब्राह्मण की क्या गलती है? आप अपने हद में रहिए आनंद मोहन जी वरना फिर समझिए। हम साफ कहना चाहते है यदि कोई भी ब्राह्मण के खिलाफ बोलिएगा तो फिर उंगली और जीभ काट दिया जाएगा।


टुन्ना जी पांडेय ने कहा कि- आनंद मोहन चाहते हैं कि ब्राह्मणों पर टिप्पणी करके राजपूत समाज के नेता बन जाएं। आनंद मोहन जी आपको बहुत घमंड होगा कि आप बहुत बड़े बाहुबली हैं। तो ये दिमाग से उतार दीजिए। मेरे जैसे ब्राह्मण कोई अपने पर आ जाएगा तो आपको मसल देगा। हम तो उनको दिल से मानते थे, लेकिन वे इतने अहंकारी हो जाएंगे ये नहीं सोचे थे।


दरअसल, पूर्व MLC फेसबुक लाइव कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि-  जो भी व्यक्ति मनोज झा पर टिप्पणी कर रहे हैं, उसमें सबसे आगे आनंद मोहन हैं। टुन्ना पांडेय ने कहा- आप देश के लिए आजादी की लड़ाई लड़ने में जेल गए थे क्या? किस अपराध में थे जेल में? पता नहीं महागठबंधन सरकार को आपका कौन सा आचरण अच्छा लगा। आपको जेल से छोड़ना ही नहीं चाहिए था।


आप मनोझ झा को फिटकरी झा कह रहे हैं, अगर आपको भष्मासुर, अहंकारी मोहन कहा जाए तो कैसा रहेगा। आपके पुराने दिन लद गए हैं। आपने पुतुल देवी को आकर हराने का काम किया। यह बात आपके समाज के लोग जानते हैं।आप अपने समाज के जयचंद हैं। न आप चुनाव जीते न पुतुल देवी जीती, तीसरा जीत गया। राजपूत-ब्राह्मण को बांट कर नेता बनना चाहते हैं। सहरसा में ब्राह्मण ठाकुर लिखते हैं। आप चाहते हैं कि सवर्ण वोट बैंक बंट जाए।